आने वाला 30 दिन बहुत खतरनाक है राजा के लिए!

आने वाला 30 दिन बहुत खतरनाक है राजा के लिए!

रांची :लगा सब ठीक हो गया लेकिन तभी दंड विधान ने राजा को डरा दिया है एक अपील आई है राजा के खिलाफ न्याय के सर्वोच्च दरवाजे पर।

अपील में कहा गया है कि बादशाह ने गुनाह किया और उसका साथ कई लोगों ने दिया है गुनाह की पूरी फेहरिस्त है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं, न्याय देने वाला कोई नहीं, जिन्होंने सुना उन्होंने अधूरा सुनकर अधूरा न्याय दिया, अब सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे से ही न्याय की उम्मीद है।

दूसरी तरफ बादशाह बोल रहा है कि न्याय हो गया सच जीत चुका है, न्याय के छोटे दरवाजे ने जो कहा है वह इस मामले में न्याय का दर्पण है जिसमें साफ दिख रहा है कौन सच्चा है और कौन झूठा है।

बादशाह ने अपने सैनिकों से आने वाले सिंहासन के चुनाव के लिए अभी से लग जाने को कहा है साथ ही कहा है यह न्याय की लड़ाई वह खुद लड़ेगा, वह घबराएगा नहीं, वह डरेगा नहीं, वह झुकेगा नहीं बस सैनिक अपने राजा पर भरोसा रखे।

सिंहासन की लड़ाई भी राजा को लड़नी है जिसे वह अपने सिपाहियों के भरोसे नहीं छोड़ सकता इसलिए उसने कमर कस लिया है अपने 11 नवरत्नों के साथ लेकिन इस सब के बीच दंड विधान जो कहता है कि 30 दिनों में यह तय हो जाएगा राजा राज करेगा या सर्वोच्च न्याय का वह दरवाजा उसे आत्म समर्पण करवाएगा यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा।

इस सब के बीच एक और कड़ी दूर राजनीति की खिड़की से सब कुछ देख रही है और समझ रही है और उस खिड़की की जानकारी राज्य की जनता को भी दे रही है और कह रही है कि वह भी उस खिड़की से देखें और वर्तमान राजा के चरित्र को समझें और सिंहासन की लड़ाई में उसका साथ दें और सिंहासन से राजा को उतारने में उनकी मदद करें।

जहां तक न्याय का मामला है वहां न्याय अपना काम खुद कर लेगा जो गलत होगा उसे सजा दी जाएगी जो सही होगा उसे सम्मान मिलेगा, लेकिन भविष्य के गर्भ में क्या है यह अभी नहीं बताया जा सकता पर वर्तमान ही भविष्य का दर्पण होता है जिसमें देखने से भविष्य की कुछ झलकियां दिख जाती है झारखंड की राजनीति भी अभी कुछ इसी स्थिति से गुजर रही है

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