रांची: झारखंड सरकार राज्य में उच्च शिक्षा का स्तर सुधारने और सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio) बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में नए डिग्री कॉलेज खोलने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसका उद्देश्य युवाओं को उनके ही जिलों में उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना है।
इस प्रस्ताव को वित्त विभाग की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। पहले चरण में रांची जिले में तीन और खूंटी जिले में दो नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। रांची के लापुंग, बुद्धमू और तमाड़, जबकि खूंटी के अड़की और तोरपा में कॉलेज की स्थापना होगी।
इसके अतिरिक्त गढ़वा के नगर उंटारी, चतरा के लावालौंग, लातेहार के बरवाडीह, और रामगढ़ के पतरातू में भी कॉलेज खोलने की योजना है। साथ ही, हजारीबाग, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका, देवघर, पलामू और गढ़वा के जिला मुख्यालयों में भी नए कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। ज़मीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी किए गए हैं।
झारखंड में उच्च शिक्षा की स्थिति
झारखंड में 18 से 23 वर्ष की आयु वर्ग की एक लाख आबादी पर मात्र 8 कॉलेज उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 कॉलेज प्रति लाख है। इसके चलते राज्य में कॉलेजों में छात्रों की भीड़ अत्यधिक है। झारखंड के एक कॉलेज में औसतन 1,848 छात्र पढ़ते हैं, जो कि बिहार (2,088) और चंडीगढ़ (1,888) के बाद देश में तीसरे स्थान पर है।
सकल नामांकन अनुपात (GER) की बात करें तो राज्य में यह अनुपात 18.6 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। छात्राओं का नामांकन अनुपात (18.7) छात्रों (18.6) से थोड़ा अधिक है। अनुसूचित जनजाति में यह अनुपात और भी कम है, जहाँ छात्रों में यह केवल 13.1% और छात्राओं में 14.7% है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग में छात्रों का अनुपात 15.8% और छात्राओं का 13.7% है।
सरकार की यह पहल राज्य में उच्च शिक्षा के विस्तार और शैक्षणिक असमानता को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।