NEET-UG. केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि NEET-UG 2024 परीक्षा को दोबारा आयोजित करने की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में कहा कि परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से नीट-यूजी 2024 में सफल होने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
NEET-UG पर केंद्र सरकार का शीर्ष कोर्ट में हलफनामा
केंद्र सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कथित अनियमितताओं के पूरे मामले की व्यापक जांच करने को कहा है। NEET-UG का आयोजन सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा किया जाता है।
पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों के कारण एनईईटी-यूजी परीक्षा 2024 जांच के दायरे में आ गई है। 11 जून को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए NEET-UG की परीक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और NTA से जवाब मांगा था। हालांकि कोर्ट ने सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
इस मामले से जुड़े सभी याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 8 जुलाई को सुनवाई करने वाले हैं। इसमें कथित कदाचार की दोबारा जांच और गहन जांच सहित विभिन्न प्रकार की मांग की गई है। बता दें कि गुजरात के 50 से अधिक सफल एनईईटी-यूजी उम्मीदवारों ने इस परीक्षा को रद्द करने से रोकने के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
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