वाल्मीकी नगर लोकसभा सीट पर डेढ़ दशक से NDA का कब्जा

वाल्मीकी नगर लोकसभा सीट पर डेढ़ दशक से NDA का कब्जा

वाल्मीकि नगर : भारत में 18वीं लोकसभा के सदस्यों के चुनाव के लिए अप्रैल और मई 2024 तक लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद है। लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी आगामी चुनाव में महागठबंधन एनडीए के साथ है। वाल्मीकी नगर सीट पर जदयू का उम्मीदवार रहने की अटकलें है। हालाकि कांग्रेस भी यहां मजबूत स्तिथि में है। ऐसे में जदयू और कांग्रेस के बीच इस सीट पर लड़ने को लेकर माथापच्ची हो सकती है।

चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने भी इस सीट पर एनडीए की ओर से अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। बताते चले की पिछले वर्ष कुशवाहा जदयू से अलग हुए है। और नई पार्टी बनाई है। उन्होंने 2024 का चुनाव बीजेपी के साथ लड़ने का ऐलान किया है। ऐसे में राष्ट्रीय लोक मोर्चा इस सीट पर लड़ने की चाह रख सकती है। हालांकि अभी किसी भी गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग और कैंडिडेट को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। ऐसे में आने वाले समय में ही पता चलेगा कि यहां मुख्य मुकाबला किनके बीच है।

वाल्मीकी नगर में बीते 15 वर्षों में एनडीए का ही कब्जा है। वाल्मीकीनगर लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। 2009 से लेकर अबतक यहां तीन आम चुनाव और एक उपचुनाव हो चुका है। इस सीट पर एनडीए की जीत हुई थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में यह सीट एनडीए के खाते में आई थी। जदयू के बैधनाथ प्रसाद महतो इस सीट पर पहली बार 1.83 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जदयू एनडीए से अलग हो गई। इस चुनाव में बीजेपी के सतीश चंद्र दुबे ने कांग्रेस और जदयू को करारी मात देते हुए यहां पर जीत दर्ज की थी।

2019 के चुनाव में जदयू फिर से एनडीए में आ गई और यहां से बैधनाथ प्रसाद महतो सांसद बने। उन्हे 58.39 फीसदी वोट मिले और कांग्रेस का ब्राम्हण कार्ड नहीं चल पाया। कांग्रेस के उम्मीदवार शाश्वत केदार को 3.54 लाख वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। बैधनाथ प्रसाद महतो के निधन के बाद 2020 में उपचुनाव हुए इसमें एनडीए की ओर से जदयू ने सुनील कुमार कुशवाहा को टिकट दिया। कांग्रेस के प्रवेश मिश्रा को उम्मीदवार बनाया, दोनो के बीच मुकाबला हुई और सुनील कुमार कुशवाहा 22 हजार वोट से जीत गए। वाल्मीकी नगर लोकसभा क्षेत्र में ब्राम्हण वोटर्स निर्णायक भूमिका में है।

इसके अलावा कुशवाहा, थारू जनजाति, मुस्लिम और यादव वोटर्स की बड़ी संख्या है। हालांकि अधिकतर राजनीति दल ब्राह्मण और कुशवाहा वोटर्स पर है। अपना दाव खेलते है जदयू के सुनील कुमार कुशवाहा वाल्मीकी नगर से सांसद है। वाल्मीकी नगर लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और जदयू के बीच होता आया है। हालांकि स्पष्ट तौर पर आगामी चुनाव में भाजपा और जदयू साथ में चुनाव लड़ने वाली है। वाल्मीकी नगर लोकसभा सीट का जातिगत समीकरण वाल्मीकी नगर ब्राम्हण बाहुल्य लोकसभा सीट है। यहां ब्राम्हण मतदाताओं की संख्या दो लाख से ज्यादा है।

2014 में बीजेपी के ब्राम्हण कैंडिडेट सतीश चंद्र दुबे वाल्मीकी नगर के सांसद रहे। वर्तमान में दो बार से राज्यसभा के सांसद है। 2019 में आम चुनाव और 2020 के उपचुनाव में भी कांग्रेस ने ब्राम्हण उम्मीदवार का दाव खेला था। लेकिन असफलता हाथ लगी। वही इस साइट पर थारू जनजाति और अल्पसंख्यक वोटर्स भी करीब दो लाख की संख्या में हैं। इसके अलावे कुशवाहा और यादव समाज के वोटर्स भी यहां बड़ी संख्या में है। जो किसी भी पार्टी की जीत और हार में अहम भूमिका निभाते है।

वाल्मीकी नगर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटों में 4 पर है बीजेपी का कब्जा

वाल्मीकीनगर लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र भी आते है। क्रमशः वाल्मीकी नगर, बगहा, लौरिया, रामनगर, नरकटियागंज और सिकटा शामिल है। जिसमें चार पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं बाकी दो पर जदयू और भाकपा माले के विधायक हैं।

अनिल कुमार की रिपोर्ट

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