शाहाबाद चुनाव में नेताओं की एक ही जुबान—नीतीश ही सीएम होंगे। अगड़ा-पिछड़ा की बहस अब ‘नीतीश बनाम नीतीश’ में बदली। राजनीतिक व्यंग पढ़ें।
 नीतीश हैं तो सब ठीक है सासाराम: शाहाबाद की राजनीति का हाल इन दिनों कुछ ऐसा है जैसे शादी में सब बाराती आए हों, पर दूल्हा बार-बार अपना परिचय खुद दे रहा हो — “मैं ही हूं, मैं ही हूं!”
एनडीए के मंचों पर हर नेता की जुबान पर एक ही मंत्र — “सीएम तो नीतीश ही होंगे”। अब तो लोग पूछने लगे हैं कि क्या नीतीश जी किसी को याद दिला रहे हैं या खुद को भरोसा दिला रहे हैं?
Key Highlights
- शाहाबाद में ‘अगड़ा बनाम पिछड़ा’ की बहस अब ‘नीतीश बनाम नीतीश’ में बदली
- एनडीए के नेता हर मंच पर “सीएम सिर्फ नीतीश ही होंगे”
- मांझी बोले “जब दूल्हा तय हो गया, तो बारात क्यों रुकी है?”
- चिराग और उपेंद्र कुशवाहा में नीतीश प्रेम की होड़
- जनता बोली “अब बस ये बताइए, वोट किसे दें, या नीतीश को ही दें?”
नीतीश हैं तो सब ठीक है
उपेंद्र कुशवाहा ने मंच से कहा — “नीतीश थे, हैं और रहेंगे।” भीड़ में बैठे एक बुजुर्ग बोले — “बाबू, ऐसा ही तो हमारे मोहल्ले का मुखिया हर बार कहता है, पर अगली बार पड़ोसी जीत जाता है।”
मांझी जी ने तो इस ‘राजनीतिक सुहाग-गीत’ को और भी काव्यात्मक बना दिया। बोले — “जब दूल्हा तय हो गया है तो बारात निकालने में देर क्यों?”
अब सवाल यह है कि बारात किसकी है और बैण्ड कौन बजा रहा है — भाजपा या जदयू?
नीतीश हैं तो सब ठीक है
चिराग पासवान भी नीतीश के सुर में सुर मिला रहे हैं। कभी जिनके खिलाफ दीप जलाते थे, आज वही कहते हैं — “नीतीश ही सीएम होंगे।” राजनीति में ‘यू-टर्न’ की रफ्तार बिहार की सड़क से भी तेज हो गई है।
एनडीए की चिंता यह नहीं कि वोटर क्या सोच रहा है, चिंता यह है कि मंच पर कौन कितनी बार “नीतीश कुमार” बोलता है। शायद इस बार टिकट उसी को मिले जिसे ये नाम तीन मिनट में सबसे ज़्यादा बार दोहराने की प्रतिभा हासिल हो।
नीतीश हैं तो सब ठीक है
और जनता? वह अपने हिसाब से खुश है। एक बुजुर्ग किसान ने कहा — “अच्छा है, कम से कम अब तो कोई कन्फ्यूजन नहीं रहा। बस ये बताइए कि वोट किसे दें — नीतीश को, या नीतीश को ही?”
शाहाबाद की राजनीति में अब मुद्दे, जाति या विकास नहीं — ‘नीतीश मंत्र’ चल रहा है। कोई नेता ना बोले तो उसे मंच से उतार दिया जाता है। शायद बिहार की राजनीति में यह पहला चुनाव है जहाँ नारा है —
“ना दाएं देखो, ना बाएं देखो,
नीतीश को ही हर जगह पाएँ देखो!”
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