बेगूसराय: AISF का इतिहास लड़कर इस देश को आजाद कराने का रहा है। हमारे संगठन के कई साथियों ने देश के लिए अपनी कुर्बानी दी है और अभी हम लगातार शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त अराजकता के साथ ही अन्य मुद्दों के लिए अपनी आवाज उठाते हैं। हमारे संगठन ने संघर्ष करते हुए 90 वर्ष पूरा कर लिया है। राजधानी पटना के सचिवालय पर शहीद होने वाले सात शहीदों को याद करते हुए AISF आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है।
उक्त बातें AISF के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर बेगूसराय जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय सचिव अमीन हमजा ने कही। उन्होंने कहा कि अक्सर स्थापना दिवस के अवसर पर संगठन के लोग समारोह आयोजित करते हैं लेकिन हमलोग बेगूसराय जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि बेगूसराय के जिलाधिकारी को शिक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में हो रही समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। SIR के मामले में पूरा तंत्र लापरवाह बना हुआ है।
हमलोग पूरे सबूत के साथ SIR में हो रहे धांधली और गड़बड़ी से डीएम को अवगत करवाने के लिए आये हैं। उन्होंने कहा कि आज के आंदोलन का मुद्दा बेगूसराय की जनता से जुड़ी हुई है। हम SIR में धांधली के खिलाफ, बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना, इंटर में नामांकन के लिए आवेदन करने वाले सभी छात्रों के नामांकन की गारंटी समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो हम आगे भी प्रदर्शन करेंगे।
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इस दौरान AISF के बेगूसराय जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार एवं जिला सचिव सत्यम भरद्वाज ने कहा कि बेगूसराय की जनता ने बहुत भरोसे से बेगूसराय के जनप्रतिनिधियों का चुनाव किया लेकिन उन्हें बेगूसराय के युवाओं की भविष्य की चिंता नहीं है। किसी भी रजा का कर्तव्य है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों को आगे पढाई करने का मौका दे लेकिन यहां बच्चे उच्च शिक्षा इंटर एवं स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवेदन तो करते हैं लेकिन राज्य सरकार द्वारा सीट सीमित कर उन्हें पढ़ाई से वंचित कर दिया जाता है।
उन्होंने बेगूसराय के सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया साथ ही दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की। बता दें कि AISF के प्रदर्शन के दौरान बारिश भी हुई लेकिन छात्र लगातार प्रदर्शन पर अड़े रहे। ताइक्वांडो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सह एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य कैसर रेहान एवं छात्र नेता हसमत बालाजी ने कहा कि देश के शिक्षा की बेहतरी तभी हो सकती है जब देश के बजट का दसवां हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जायेगा लेकिन सरकार ने नई शिक्षा नीति लाकर शिक्षा के बजट को कम कर दिया है।
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बेगूसराय से अजय शास्त्री की रिपोर्ट