डिजिटल डेस्क: Breaking – संभल हिंसा से नाम हटवाने हाईकोर्ट पहुंचे सांसद जियाउर्रहमान बर्क। यूपी के संभल में गत दिनों हुई हिंसा के मामले में अपना नाम पुलिस के FIR में दर्ज होने के बाद होने वाली कार्रवाई को लेकर संभल के सांसद और सपा नेता जियाउर्रहमान बर्क खासे घबराहट में हैं।
उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है। सांसद बर्क ने हाईकोर्ट से निवेदन किया है कि संभल हिंसा मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द किया जाए।
हाईकोर्ट में सांसद की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को…
यूपी के संभल के सपा संसद जिया उर रहमान बर्क को गिरफ्तारी का डर सता रहा है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर FIR को खारिज करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क संभल में हुई हिंसा के आरोपी हैं। इस पूरे मामले में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।
कहा जा रहा है कि संभल के सपा संसद जिया उर रहमान बर्क को गिरफ्तारी का डर सता रहा है और इसी कारण गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। उन्होंने हाई कोर्ट से FIR रद्द करने की मांग की है।
संभल हिंसा के दिन सांसद बर्क के बंगलुरु में रहने का किया गया है दावा…
बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बीते 24 नवंबर को हिंसा भड़की थी। उस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई थी जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। उस घटना को लेकर संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान और वहां के विधायक नवाब इकबाल के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है।
इन दोनों लोगों पर आरोप है कि इन्होंने ही हिंसा की साजिश रची जबकि सांसद जिया उर रहमान का कहना है कि वह वहां हिंसा के समय मौजूद भी नहीं थे। इसके बावजूद भी एफआईआर दर्ज की गई। सांसद बर्क का दावा है कि हिंसक घटना के दिन वह बंगलुरु में थे।
बीते 24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा के वाकया एकनजर में समझें…
यूपी के संभल में अदालत के आदेश पर बीते 19 नवंबर को जामा मस्जिद में पहली बार सर्वे किया गया था। अदालत ने वह आदेश जिस याचिका पर दिया उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था।
बीते 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वे किया गया। उसी दौरान मौके पर हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 25 लोग घायल हो गए थे।