पटना : बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह के चेंबर में लगे कंप्यूटर से छेड़छाड़ की गई है। परिषद के कर्मचारी ने कंप्यूटर का डाटा डिलीट किया। सभापति ने इसकी जानकारी आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के साइबर यूनिट को दी। ईओयू की टीम ने फौरन कार्रवाई शुरू की और विधान परिषद पहुंचकर सभापति के चेंबर में लगे कंप्यूटर की जांच की। जांच में पता चला कि कंप्यूटर का डाटा वाकई डिलीट किया गया है। इसके बाद साइबर यूनिट ने आगे की जांच के लिए कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को अपने कब्जे में ले लिया और विधान परिषद के डेटा रूम को सील कर दिया।
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सभापति के कंप्यूटर से डाटा डिलीट होने की बात सामने आई
सूत्रों के मुताबिक, यह मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि चार दिन पहले राजद विधायक रीतलाल यादव के एक रिश्तेदार प्रतीक को विधान परिषद से हटाया गया था। प्रतीक के हटने के बाद ही सभापति के कंप्यूटर से डाटा डिलीट होने की बात सामने आई, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए। लोग अब इस घटना को प्रतीक की बर्खास्तगी से जोड़कर देख रहे हैं।
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डाटा डिलीट करने के पीछे का मकसद क्या था और क्या इसमें कोई बड़ी साजिश थी
ईओयू की साइबर यूनिट अब यह पता लगाने में जुटी है कि डाटा डिलीट करने के पीछे का मकसद क्या था और क्या इसमें कोई बड़ी साजिश थी। हार्ड डिस्क की फॉरेंसिक जांच से यह खुलासा होने की उम्मीद है कि डाटा कैसे और क्यों मिटाया गया। यह घटना बिहार विधान परिषद में साइबर सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करती है। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने साइबर यूनिट से मामले की गहराई से जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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