रांचीः चंद्रयान-3 अपने तय समय पर 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे ही चंद्रमा पर लैंड करेगा. इसरो ने मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि सभी सिस्टम को समय-समय पर चेक किया जा रहा है. इसके साथ ही इसरो ने चांद की नई तस्वीर भी शेयर की है जो चंद्रयान-3 के द्वारा क्लिक की गई है. चंद्रयान ने यह तस्वीर डिक्टेशन कैमरा से 70 किलोमीटर की दूरी से लेंडर पोजीशन में खींची है. फिलहाल चंद्रयान 3 चांद पर लैंडिंग के लिए सटीक जगह ढूंढ रहा है. इसे 25 किलोमीटर की ऊंचाई से लैंड किया जाएगा.
मिशन की सफलता के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी का कामाख्या मंदिर श्री मठ बागांबरी मंदिर और महाराष्ट्र के मुंबई का चामुंडेश्वरी मंदिर के साथ-साथ देश के कई जगह पर हवन कराया जा रहे हैं. चंद्रयान-3 को लैंड करने में 15 से 17 मिनट लगेंगे. अगर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिग हो गई तो भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करनेवाला पहला देश बन जाएगा.
चंद्रमा पर उतरने से ठीक 2 घंटे पहले लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय किया जाएगा कि उस समय पर इसे उतरना सही होगा या नहीं. अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडींग 27 अगस्त को कराई जाएगी. रात 1:50 पर चंद्रयान का दूसरा और फाइनल रिपोर्टिंग ऑपरेशन पूरा हुआ था. जिसके बाद लेंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है.
सोमवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने बताया कि उसने चंद्रयान-2 मिशन के आर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर के बीच संपर्क स्थापित किया है. टु-वे संपर्क स्थापित होने के बाद आर्बिटर ने लैंडर से ‘स्वागत है दोस्त’ कहा.
चंद्रमा की फार साइड यानी ऐसा इलाका जो पृथ्वी से कभी नहीं दिखता, ऐसी तस्वीर इसरो ने शेयर की है. इसे 19 अगस्त 2022 को चंद्रयान-3 में लगी लैंडर हजार्ड डिटेक्शन इन ओविडेंस कैमरे (LHDAC) से खींचा गया है. यह कैमरा लैंडर को सिर्फ लैंडिंग एरिया यानी ऐसा इलाका जहां बड़े पत्थर और गड्ढे ना हो लैंड करने में मदद करता है.