Ranchi: झारखंड शराब घोटाला: झारखंड के चर्चित शराब घोटाले मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई अब और तेज हो गई है। राज्य सरकार ने ACB को निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे और उनके करीबियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच की अनुमति दे दी है। एसीबी को शुरुआती जांच में ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिससे संकेत मिलते हैं कि चौबे ने अवैध रूप से अर्जित धन को रिश्तेदारों और करीबियों के माध्यम से संपत्ति में निवेश किया है।
ACB ने जिन लोगों की संपत्ति जांच के दायरे में लाई है, उनमें चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता, साला शीपिज त्रिवेदी और उनकी पत्नी प्रियंका, कारोबारी विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह, सीए उपेंद्र शमां और धनंजय कुमार सिंह शामिल हैं। जांच के दौरान ACB ने रजिस्ट्री ऑफिस से भी पत्राचार कर सभी के नाम पर पंजीकृत संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है।
झारखंड शराब घोटाला: जानकारी के अनुसार इन नामों पर पांच अचल संपत्तियां और तीन कंपनियों का पता चला है। इन कंपनियों में वित्तीय लेनदेन के भी सबूत मिले हैं। ACB ने इस आधार पर प्रारंभिक जांच (preliminary examination) दर्ज करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब सरकार से मंजूरी मिल चुकी है।
वहीं शराब घोटाले में नामजद कारोबारी विनय सिंह ACB के दोबारा बुलावे पर भी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। उनकी कंपनी नेक्सजेन के एकाउंटेंट से पूछताछ की जा चुकी है और अब एसीबी आखिरी बार नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है।