गया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी इमामगंज के दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान उन्होंने संजय गांधी इंटर कॉलेज परिसर इमामगंज में सीडीएस बिपिन रावत सहित हैलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान शहिदों के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे सैनिकों के शहादत दिवस को लेकर इमामगंज आए थे.
उन्होंने हैलिकॉप्टर एक्सीडेंट को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली घटना है, जब देश के सबसे शक्तिशाली सेना के सीडीएस बिपिन रावत सहित कई जवान शहीद हो गये. उन्होंने बिपिन रावत को एक दक्ष और कार्यकुशल वीर जवान बताते हुए कहा कि उन्होंने भारत के दुश्मन देशों के खिलाफ रणनीति तैयार की थी. अगर यह रणनीति कारगर होती, तो हम दुश्मन देशों को पछाड़ने में कामयाब हो पातें. जीतन ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत तौर पर यह लगता है कि कोई कुचक्र तो नहीं हुआ, जिसके चलते हमने एक सैनिक के एक बड़ी टुकड़ी को खो दिया. जो दुर्घटना हुई है, उसकी जांच होनी चाहिए. इस दुर्घटना को लेकर उन्होंने जांच की मांग की है, उनका कहना है कि इस दुर्घटना में कहीं बाहरी तत्वों का हांथ तो नहीं.
बताते चलें कि 08 दिसंबर 2021 को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित कुल 13 लोगों की मृत्यु हो गयी. ये 13 लोग भारतीय वायुसेना के मिल एमआई-17 हैलिकॉप्टर पर सवार होकर सुलुरु वायुसेना हावई अड्डे से वेलिंगटन के रक्षा सेवा स्टॉफ कॉलेज जा रहे थे. जहां जनरल रावत को व्याख्यान देना था. लेकिन नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके के बांदीशोला ग्राम पंचायत के चाय बगान के समीप आवासीय परिसर में हैलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो कि इस दुर्घटना में जीवित बचें.
रिपोर्ट- राम पाठक