डिजिटल डेस्क : पाकिस्तान में अपने पैतृक गांव को फिर न देखने का रहा दिवंगत Ex PM Manmohan Singh को मलाल। बीते गुरूवार की रात दिल्ली में 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले Ex PM Manmohan Singh को अपनी वो अंतिम इच्छा पूरे न होने का उन्हें ताउम्र मलाल रहा जिसके बारे में वह अक्सर अपने करीबियों से चर्चा किया करते थे।
वह अंतिम इच्छा थी – पाकिस्तान स्थित अपने पैतृक गांव को फिर से देखने की। साथ ही वहां के स्कूल को जाकर देखने की जहां उनकी शुरूआती पढ़ाई-लिखाई हुई थी। अपनी इस इच्छा को Ex PM Manmohan Singh पूरा तो करना तो चाहते थे, लेकिन हालात ऐसे नहीं बन पाए कि वो पूरी हो पातीं।
प्रधानमंत्री बनकर भी अपनी वह इच्छा पूरी न कर सके Manmohan Singh…
Ex PM Manmohan Singh के दिवंगत होने के बाद उनकी यह अंतिम इच्छा अब अचानक से सुर्खियों में है। इस बारे में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला बड़े ही तन्मयता और संजीदगी से पूरी बात बताते हैं। बकौल राजीव शुक्ला – भारत में प्रधानमंत्री रहते हुए वो एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे. अपने उस गांव को देखना चाहते थे जहां वो पले बढ़े। उस स्कूल को देखना चाहते थे जहां से उन्होंने शुरुआती शिक्षा ली थी। एक बार मैं उनके साथ पीएम हाउस में बैठा था। वहीं बातचीत के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा पाकिस्तान जाने का बड़ा मन है। जब मैंने उनसे पूछा वहां कहां, तो उन्होंने कहा कि मैं अपने गांव जाना चाहता हूंं।
राजीव शुक्ला से बोले थे Ex PM Manmohan Singh – पाकिस्तान में मेरा घर कब का खत्म हो चुका…
उसी बातचीत में Ex PM Manmohan Singh ने कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला से अपने बचपन से जुड़ी यादों को कसक के रूप में साझा किया था।
Ex PM Manmohan Singh की उन बातों को कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कुछ यूं साझा किया है – ‘…जब उनसे पूछा कि क्या वो अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते हैं तो Manmohan Singh का जवाब था, मेरा घर तो बहुत पहले खत्म हो गया।
…अब उस स्कूल को देखने की तमन्ना है जहां मैं कक्षा 4 तक पढ़ा। हालांकि, कभी ऐसा संयोग नहीं बन पाया कि वो अपने उस स्कूल को देख सकें जहां उन्हें शुरुआती तालीम मिली थी’।
भारत के Ex PM Manmohan Singh के नाम पर पाकिस्तान चल रहा स्कूल जिसमें उनकी शुरूआती पढ़ाई हुई…
दिवंगत Ex PM Manmohan Singh को लेकर अब तमाम बाते उनके करीबियों और जानने वालों के हवाले से सामने आ रही हैं। 26 सितम्बर, 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जन्मे Manmohan Singh का परिवार बंटवारे के बाद भारत आ गया, लेकिन वहां की यादें उनके जेहन से कभी नहीं निकलीं।
पाकिस्तान के गाह गांव के जिस स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की उसे अब Manmohan Singh गवर्नमेंट बॉयज स्कूल के नाम से जरूर जाना जाता है। विदेश में नौकरी करते हुए मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ रावलपिंडी गए थे। अपनी उस यात्रा के दौरान वो उस गुरुद्वारे भी गए जहां वो अक्सर बैसाखी के दिन जाया करते थे, लेकिन वो अपने गांव नहीं जा पाए थे।
लेकिन पाकिस्तान में Manmohan Singh के उसी पैतृक गाह गांव में रहने वाले राजा मोहम्मद अली उनके क्लासमेट रहे थे।
राजा मोहम्मद अली ने Manmohan Singh के बारे में मीडिया से कहा था कि – ‘वह मनमोहन के साथ चौथी कक्षा तक पढ़े. बाद में Manmohan Singh पढ़ाई के लिए चकवाल कस्बा चले गए। देशों के बंटवारे के लिए उनका परिवार भारत चला गया. लेकिन आज भी Manmohan Singh को गाह गांव के लोग याद करते हैं’।