नई दिल्ली : सेना में नई भर्ती को लेकर एक तरफ जहां देश के
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कई हिस्सों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ
थलसेना की तरफ से नई भर्ती को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी की गई है.
इसके लिए जुलाई में रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा.
अग्निवीरों की पांच अलग-अलग कैटेगरी थलसेना में होगी.
ये कैटगरी है-
1-जनरल ड्यूटी, 2-टेक्निकल (एविएशन/एम्युनेशन/एग्जामनर),
3-क्लर्क, 4-ट्रैडसमैन की दो कैटेगरी होंगी-एक टेक्निकल और एक सामान्य.
500 से ज्यादा ट्रेनों पर असर
गौरतलब है कि अग्निपथ स्कीम को लेकर भारत बंद का व्यापक असर दिख रहा है.
नई दिल्ली के पास शिवजी ब्रिज पर एक ट्रेन को रोक दी गई.
हालांकि, पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर ट्रेन का रास्ता खाली कराया. अग्निपथ स्कीम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच 181 मेल एक्सप्रेस को रद्द किया गया है. इसके साथ ही, 348 पैसेंजर ट्रनों को भी कैसिंल किया गया. रेलवे मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, 4 मेल एक्सप्रेस और 6 पैसेंजर ट्रेनों को आंसिल रूप से रद्द किया गया या है. किसी भी ट्रेन को डायवर्ट नहीं किया गया.
1989 से ही इस योजना पर विचार शुरू हुआ- सेना
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि युवा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं ये हम सभी को पता है. उन्होंने कहा कि 1989 में इस योजना पर विचार करना शुरू हो गया. और इसे लागू करने से पहले कई देशों में सेना में नियुक्तियों और वहां के एग्जिट प्लान का अध्ययन किया गया.
50-60 हजार सैनिकों की करेंगे बहाली
सेना ने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हम 50-60 हजार सैनिकों की बहाली करेंगे और बाद में इसे बढ़ाकर 90,000-1 लाख तक किया जाएगा. हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 जवानों से छोटी शुरुआत की है.
अग्निवीरों के साथ नहीं होगा कोई भेद-भाव
अनिल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवीरों’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा. जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वहीं कपड़े अग्निवीर पहनेंगे, जिस लंगर में सेना के जवान खाना खाते हैं वहीं पर अग्निवीर खाएंगे. जहां पर सेना के जवान रहते हैं वहीं पर अग्निवीर ही रहेंगे.
प्रदर्शन करने वालों को सेना ने सुनाई खरी-खरी
सेना ने अग्निवीरों का असली मतलब समझाते हुए प्रदर्शन करने वालों को खरी-खरी भी सुनाई. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. सेना में आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है. सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर इस योजना को समझना चाहिए.