सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद के तीन शिक्षकों की सेवा समाप्ति रद्द की। रवि उरांव, प्रेमलाल और दिवंगत सुरेंद्र मुंडा को दिसंबर 2015 से सेवा का लाभ और पूरा बकाया वेतन मिलेगा।
शिक्षकों को बड़ी राहत धनबाद: सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद जिले के तीन शिक्षकों — रवि उरांव, प्रेमलाल और दिवंगत सुरेंद्र मुंडा — को बड़ी राहत देते हुए उनकी सेवा समाप्ति के आदेशों को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने माना कि उनकी सेवाएं समाप्त करना कानूनी रूप से अवैध था, क्योंकि चयन प्रक्रिया में वे पहले ही योग्य पाए गए थे।
यह फैसला जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि रवि उरांव और प्रेमलाल को दिसंबर 2015 में उनकी मूल नियुक्ति तिथि से निरंतर सेवा में माना जाएगा। उन्हें न केवल पूरा बकाया वेतन, बल्कि सेवा की निरंतरता और वरिष्ठता का भी लाभ दिया जाएगा। हालांकि, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षण कार्य का अनुभव पदोन्नति के लिए नहीं गिना जाएगा।
Key Highlights:
सुप्रीम कोर्ट ने धनबाद के तीन शिक्षकों की सेवा समाप्ति रद्द की
इंटरमीडिएट में 45% से कम अंक होने के कारण की गई थी सेवा समाप्ति
जस्टिस दीपांकर दत्ता और केवी विश्वनाथन की पीठ का फैसला
रवि उरांव और प्रेमलाल को दिसंबर 2015 से निरंतर सेवा का लाभ
दिवंगत सुरेंद्र मुंडा के परिजनों को मृत्यु तक पूरा वेतन मिलेगा
सरकार को तीन माह में एरियर भुगतान का आदेश
शिक्षकों को बड़ी राहत
पीठ ने आगे कहा कि दिवंगत शिक्षक सुरेंद्र मुंडा की सेवा समाप्ति भी अवैध थी। कोर्ट ने आदेश दिया कि उनके उत्तराधिकारियों को उनकी मृत्यु तक का पूरा बकाया वेतन दिया जाए और उनकी मृत्यु को सेवाकाल के दौरान की मृत्यु माना जाए।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि सरकार के पास अनुकंपा नियुक्ति योजना (compassionate appointment) उपलब्ध है, तो सुरेंद्र मुंडा के परिजन आवेदन करने के पात्र होंगे।
शिक्षकों को बड़ी राहत
सरकार को तीन माह के भीतर सभी शिक्षकों या उनके परिजनों को एरियर का भुगतान करने और संबंधित लाभ देने का आदेश दिया गया है।
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