भोजपुर: समान काम का समान वेतन, ठेका संविदा पर नियुक्त कर्मियों का सेवा बिना शर्त नियमित करने, बकाया वेतन एवं मानदेय का भुगतान, डिजिटल अटेंडेंस की बाध्यता खत्म करने समेत अन्य कई मांगों को लेकर एनएचएम कर्मियों ने आरा में रैली निकाला और सिविल सर्जन के समक्ष आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान आशा कर्मी और ममता कर्मी भी शामिल हुई।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए चिकित्सा संघ के जिलाध्यक्ष विनोद यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली महिला कर्मियों के लिए आवासीय सुविधा, शौचालय, पेयजल, बिजली, परिवहन की व्यवस्था किये बगैर सरकार डिजिटल अटेंडेंस का अविवेकपूर्ण आदेश जारी किया है। जिला मंत्री सुबेश सिंह ने कहा कि स्थायी प्रकृति वाले कार्यों के लिए ठेका उन्मूलन अधिनियम जैसे कानून को ठंडे बास्ते में डाल कर संविदा पर बहाली कर युवा बेरोजगारों का शोषण किया जा रहा है। पुरानी पेंशन की व्यवस्था को समाप्त कर अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई। सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी रवैया अपना रही है, जिसकी वजह से राज्यकर्मियों में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश है।
एनएचएम के संविदाकर्मी अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 27 दिनों से हड़ताल पर हैं और कार्य बहिष्कार कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार के किसी आदमी ने बात करने की भी कोशिश नहीं की है। सरकार के दमनात्मक और अड़ियल रवैये के कारण ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है जिसका सीधा असर गरीब जनता पर पड़ रहा है।
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भोजपुर से नेहा की रिपोर्ट
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