छपरा : जिले में जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत हो गई है.
Highlights
जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. घटना मकेर थाना क्षेत्र के फुलवरिया पंचायत की है.
3 दिनों के भीतर जहरीली शराब से 9 लोगों की हुई मौत
पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कहर बरपाया.
छपरा के नोनिया टोली और भेल्दी थाना क्षेत्र के सोनहो भाथा में
संदिग्ध जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की जान चली गई और कई की आंखों की रोशनी चली गई है.
दरअसल 2 दिन पहले 2 अगस्त को भी पानापुर में
संदिग्ध जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई थी.
महज 3 दिनों के भीतर जहरीली शराब से सारण में 9 लोग काल के गाल में समा चुके हैं.
दो दर्जन से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी खत्म होने की शिकायत
जहरीली शराब पीने की वजह से लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने
आंखों की रोशनी खत्म हो जाने की शिकायत भी की है.
बता दें कि बुधवार को किसी व्यक्ति के घर पर पूजा थी जहां कुछ लोगों ने शराब पी थी.
इसके बाद कुछ लोगों ने गुरुवार की सुबह को जहरीली शराब का सेवन किया था.
18-20 पीड़ितों का पीएमसीएच में चल रहा इलाज
जहरीली शराब का सेवन करने वाले 18-20 पीड़ितों को पटना के पीएमसीएच में इलाज के लिए भेजा गया है जबकि 6 पीड़ितों का छपरा सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की भी आशंका है.
मौत के बाद अधिकारियों में मचा हड़कंप
जहरीली शराब से 9 लोगों की मौत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. सारण जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने सदर अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना है.
अधिकारियों की टीम ने प्रभावित गांव का किया दौरा
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ितों के गांव का मुआयना भी किया है. सारण के सोनहो भाथा गांव में संदिग्ध जहरीली शराब पीने से गुरुवार को एक बुजुर्ग सहित तीन व्यक्तियों की मौत हुई है, जबकि करीब दो दर्जन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है.
मृतकों में चंदन महतो और कमल महतो का नाम भी शामिल है. जैसे ही जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिली, मौके पर मढ़ौरा के एसडीओ, सोनपुर के एएसपी, मढ़ौरा डीएसपी सहित आसपास के थानों की पुलिस और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की टीम प्रभावित गांव में पहुंची.
अस्पताल ले जाने के क्रम में दो लोगों ने तोड़ा दम
बुधवार और फिर गुरुवार की सुबह को जहरीली शराब का सेवन करने के बाद से ही सभी की तबीयत खराब होने लगी. इसके बाद स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार के बाद कई लोगों को पीएमसीएच रेफर किया गया था. पीएमसीएच जाने के क्रम में ही चंदन महतो की मौत हो गई. कमल महतो की मौत भी इलाज के लिए ले जाने के दौरान रास्ते में हो गई जबकि एक व्यक्ति की मौत पीएमसीएच में हुई है.