जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
वाराणसी : Big Talk – काशी को लेकर पीएम मोदी बोले – अब यह हेल्थ केयर हब बना…मोक्षदायिनी काशी अब नवजीवन दायिनी भी। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय के शुभारंभ के मौके पर बदलती काशी, पूर्वांचल और यूपी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम बाते कहीं।
पीएम मोदी बोले – ‘साथियों, काशी की पहचान अनंतकाल से धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में रही है। अब काशी यूपी के…पूर्वांचल के बड़े आरोग्य केंद्र..हेल्थ केयर हब के रूप में भी विख्यात हो रहा है’।
‘मोक्षदायिनी काशी अब नए पहचान में बनी नवजीवन दायिनी भी…’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे में कहा कि –‘…बीएचयू में ट्रामा सेंटर हो…सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल हो…दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और कबीरचौरा अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाना हो, बुजुर्गों के लिए – सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष अस्पताल हो…ऐसे अनेक कार्य बीते एक दशक में हुए हैं।
आज बनारस में कैंसर के इलाज के लिए भी आधुनिक अस्पताल है। पहले जिन मरीजों को दिल्ली मुंबई जाना पड़ता था, आज वे यहीं अच्छा इलाज करा पा रहे हैं।
आज बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों से भी हजारों लोग यहां उपचार के लिए आते हैं। हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा के साथ…नए संसाधनों के साथ नवजीवन दायिनी भी बन रही है’।
पीएम मोदी का तंज – पहले की सरकारों में पूर्वांचल को किया गया नजरअंदाज…
अपने संबोधन में बिना किसी प्रतिपक्षी राजनीतिक दल का नाम लिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना कराए गए कामों के आंकड़े एवं उपलब्धियों के ब्योरे के साथ हमला बोला।
पीएम मोदी ने कहा कि – ‘…साथियों, पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत पूर्वांचल के स्वास्थ्य सुविधाओं को जमकर नजरअंदाज किया गया। …हालत ये थी कि 10 साल पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार के इलाज के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार केंद्र तक नहीं थे।
बच्चों की मृत्यु होती थी…मीडिया में हो-हल्ला होता था…लेकिन पहले की सरकारें कुछ नहीं करती थीं। मुझे संतोष है कि बीते दशक में काशी ही नहीं पूर्वांचल के पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।
आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक केंद्र काम कर रहे हैं। 10 सालों में पूर्वांचल के प्राथमिक एवं सामुदायिक केंद्रों में 10 हजार से अधिक नए बेड जोड़े गए हैं।
10 सालों में पूर्वांचल के गांवों में साढ़े 5 हजार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं। 10 साल पहले पूर्वांचल के जिला अस्पतालों में डायलिसिस तक की सुविधा नहीं थी। आज 20 से अधिक डायलिसिस की यूनिट काम कर रही है जहां मरीजों को ये सुविधा मुफ्त मिल रही है’।