अयोध्या : यूपी के मिल्कीपुर में उपचुनाव के लिए सायं 5 बजे तक बंपर 65.25 फीसदी हुई वोटिंग। यूपी के अयोध्या में मिल्कीपुुर विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को बंपर वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, मिल्कीपुर उपचुनाव में रिकॉर्ड मतदान हुआ है। सायं 5 बजे तक 65.25 फीसदी वोटिंग हुई।
गत बार वर्ष 2022 में इस सीट पर 59.95 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार मतदान ने उस आंकड़े को पार कर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। अभी भी लोग बूथों पर अपनी वोटिंग के इंतजार में खड़े हैं। ऐसे में यह आंकड़ा अभी और बढ़ने के संकेत दिए गए हैं।
सुबह से ही मिल्कीपुर में वोटिंग प्रतिशत रहा बंपर
बुधवार को वोटिंग शुरू होने के बाद से ही लगातार वोटिंग प्रतिशत के यूपी के अयोध्या का मिल्कीपुर वोटिंग प्रतिशत के मामले में दिल्ली विधानसभा चुनाव से आगे ही दिखा। मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए बुधवार को हुए मतदान में शुरू से ही वोटिंग प्रतिशत का एक नया रिकॉर्ड बनने की संभावना दिखने लगी थी।
अपराह्न 3 बजे तक 57 फीसदी से ज्यादा वोट पड़ चुके थे जबकि।इतने ही समय की तुलना वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव से की जाए तो तब 51.84 फीसदी वोट ही पड़े थे। इ
स तरह इस बार मतदान प्रतिशत शुरू से ही काफी बढ़ा हुआ देखा गया। वोटरों में खासा उल्लास एवं उत्साह देखा गया। युवा से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग मतदाता सभी वोट डालने के लिए बूथों पर पहुंचे।
सायं 5 बजे के बाद सपा-भाजपा प्रत्याशियों 10 की किस्मत ईवीएम में हुई कैद
मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी के चंद्रभानु पासवान सहित 10 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गयी है। यहां पर बसपा जहां उपचुनाव नहीं लड़ रही है, वहीं कांग्रेस इस सीट पर अपने गठबंधन सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) भी इस सीट से चुनाव लड़ रही है।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद अवधेश प्रसाद के सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी। इसके चलते यहां सियासी लड़ाई खासी दिलचस्प है।
सपा जहां इस सीट को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, वहीं भाजपा इस चुनाव को फैजाबाद में अपनी हार का बदला लेने के अवसर के रूप में देख रही है। वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर अयोध्या जिले की एकमात्र विधानसभा सीट थी, जहां भाजपा हारी थी।
मिल्कीपुर उपचुनाव के पूरे दिन सपा की ओर से लगी रही शिकायतों की झड़ी…
मिल्कीपुर में बुधवार को उपचुनाव के लिए वोटिंग शुरू होने के बाद से पूरे दिन फर्जी वोटिंग, बूथ कैप्चरिंग और ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों की ओर से मतदाताओं को परेशान करने की शिकायतें की जाती रहीं। खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इसके लिए मोर्चे पर आए और चुनाव आयोग से शिकायतें कीं।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि निर्वाचन क्षेत्र में पीठासीन अधिकारी “फर्जी मतदान का लक्ष्य पूरा कर रहे हैं” और चुनाव आयोग तथा सर्वोच्च न्यायालय से “लोकतंत्र के दुश्मनों” का संज्ञान लेने को कहा।
साथ ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक तस्वीर पोस्ट कर आरोप लगाया कि- ‘मिल्कीपुर के उपचुनाव में पुलिस अधिकारी मतदाताओं का आईकार्ड चेक कर उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं।
…चुनाव आयोग तुरंत इस समाचार से जुड़ी तस्वीरों का संज्ञान ले कि अयोध्या की पुलिस मिल्कीपुर में मतदाताओं के आईडी कार्ड चेक कर रही है, जिसमें पुलिस के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं।
…ये अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध है। ऐसे लोगों को तुंरत हटाया जाए और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।’
इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि मिल्कीपुर विधानसभा में बूथ संख्या 4, 5, 69, 93, 100, 139, एवं 176 पर प्रशासन और भाजपा नेताओं द्वारा फर्जी मतदान कराया जा रहा है। सपा ने चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की अपील की है। साथ ही निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित कराने की मांग की है।
मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि ‘भाजपा सरकार जानती है कि वह चुनाव हार चुकी है। चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए वह लोगों को वोट नहीं डालने दे रही है, उन्हें धमका रही है और कुछ पोलिंग बूथों से हमारे पोलिंग एजेंटों को भगा रही है, यह सब लोकतंत्र के खिलाफ है।
…बूथ नंबर 2 पर पोलिंग स्टाफ मुस्लिम महिलाओं का बुर्का उतारकर उनके पहचान पत्र से उनकी पहचान कर रहा है। इसके जरिए वह दबाव बना रहे हैं… पुलिस प्रशासन भाजपा कार्यकर्ताओं के रूप में काम कर रहा है और डीएम, एसडीएम, एसपी सभी सरकार की तरफ से किसी भी तरह से उस सीट को जीतने की कोशिश कर रहे हैं…’।
दूसरी ओर, मिल्कीपुर उपचुनाव 2025 पर उत्तर प्रदेश के मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि ‘मिल्कीपुर उपचुनाव एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में है, विपक्ष हताश और निराश है। अगर रोने से उन्हें वोट मिल सकते हैं तो समाजवादी पार्टी के सदस्यों को लखनऊ और दिल्ली से रोना शुरू करना चाहिए।’