विधायक समीर महंती ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाया
जमशेदपुर: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक समीर महंती को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आरोप है कि महंती ने हालिया लोकसभा चुनाव में निर्धारित 95 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं। यह मामला महंती द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद बिहारी दूबे पर लगाए गए आरोपों के बाद उलझता दिख रहा है।
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महंती ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाया था कि दूबे ने प्रति बूथ छह हजार रुपये के हिसाब से 25 लाख रुपये बंटवाने के बजाय केवल चार हजार रुपये ही वितरित किए और बाकी पैसे हड़प लिए। महंती का कहना था कि यह पैसे हर बूथ पर पूरी तरह से नहीं बांटे गए और इस तरह की कथित भ्रष्टाचार की शिकायत उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से की थी।
महंती द्वारा लगाए गए आरोपों से राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई थी। अब चुनाव आयोग ने महंती को नोटिस जारी किया है, जिसमें उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने चुनाव खर्च के विवरण में 78,41,440 रुपये का ब्योरा क्यों प्रस्तुत किया जबकि निर्धारित सीमा 95 लाख रुपये है।
विधायक समीर महंती :नोटिस मिलने के बाद, महंती ने आरोपों से जुड़े सभी दस्तावेजों को फर्जी करार दिया है और इस पर विरोध जताया है। चुनाव आयोग का कहना है कि अगर महंती ने अपने चुनाव खर्च को वास्तविक खर्च से कम दिखाया है, तो उन्हें चुनावी भ्रष्टाचार के मामले में दोषी माना जा सकता है और इसके परिणामस्वरूप आगामी चुनावों में अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है।
विधायक समीर महंती ने आरोपों और लेटरपैड की फर्जीवाड़े की बात उठाते हुए कानूनी कार्रवाई के बजाय सिर्फ चुनाव आयोग को ही जवाब दिया है। अब यह सवाल उठता है कि महंती ने इस मामले में थाने में शिकायत क्यों नहीं की और कानूनी कदम क्यों नहीं उठाए।