रांची : कोलकाता में गिरफ्तार अधिवक्ता राजीव कुमार को झारखंड हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है.
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चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया.
अदालत ने कहा कि अब अधिवक्ता न्यायिक हिरासत में है और ईडी ने भी नया केस दर्ज कर लिया है.
ऐसे में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का कोई औचित्य नहीं है. इसलिए उक्त याचिका खारिज की जाती है.
बता दें कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
जिसके बाद उनके परिजनों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
ईडी कोर्ट ने जारी किया प्रोडक्शन वारंट
गौरतलब है कि इससे पहले कोलकाता कैश कांड से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी और झारखंड हाई कोर्ट के वकील राजीव कुमार के खिलाफ ईडी कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. अदालत ने व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए 18 अगस्त की तारीख निर्धारित की है. प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद जेल प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई है. जेल के माध्यम से अब राजीव कुमार को निर्धारित तिथि को लाकर पेश किया जा सकता है. बता दें कि ईडी ने मनी लॉउन्ड्रिंग मामले में 11 अगस्त को राजीव कुमार और उनके मुवक्किल शिव शंकर शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया है.
ईडी ने दर्ज किया मनी लाउंड्रिंग का केस
ईडी ने कोलकाता कैश कांड में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में राजीव कुमार पर केस दर्ज कर लिया. ईडी ने उनके मुवक्किल शिव शंकर शर्मा को भी आरोपी बनाया है. बता दें कि कारोबारी अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार के खिलाफ 50 लाख नकदी बरामदगी मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी है.
अधिवक्ता राजीव कुमार: इन धारा के तहत मामला दर्ज
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार एवं उनके मुवक्किल पर ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7ए (अपने व्यक्तिगत प्रभाव का प्रयोग करके किसी अन्य व्यक्ति से अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित लाभ स्वीकार करना) भादवि की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) एवं 384 (जबरदस्ती वसूली) केस दर्ज किया है. गौरतलब है कि ईडी अधिकांश केस प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत ही दर्ज करता है. लेकिन राजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं है. उनपर मनी लाउंड्रिंग के साथ, पीसी एक्ट एवं आईपीसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास