रांची: झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति की जांच की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, और इसके बारे में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
इस दौरान अदालत ने जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद कमिटी की रिपोर्ट पेश नहीं की जाने पर अपनी नाराजगी जताई।
कोर्ट ने यह भी तय किया है कि अगली सुनवाई तक जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद कमिटी की रिपोर्ट पेश नहीं होने पर, विधानसभा सचिव को अदालत के समक्ष सशरीर उपस्थित होना पड़ेगा। संबंधित मामले की सुनवाई के लिए 16 अगस्त को हाईकोर्ट में अगली बार सुनवाई होगी।
इस वाक्यांश के अनुसार, यह दावा किया जा रहा है कि वर्ष 2005 से 2007 के दौरान विधानसभा में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई थी, और इस बारे में जांच होनी चाहिए। पहले, इस जांच के लिए जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद कमिटी का गठन किया गया था, जिसने विषय संबंधी रिपोर्ट को राज्यपाल को भी सौंपी थी। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।