रांची : झारखंड हाई कोर्ट में महिला पर्यवेक्षकों को नियमित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में दस सप्ताह के अंदर महिला बाल विकास सचिव को नियमित करने का आदेश दिया है.
इससे पहले प्रार्थियों को सचिव के पास आवेदन देना होगा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार के मामले में दस साल सेवा देने वालों को स्वीकृत पद होने पर नियमित करने का आदेश पारित किया है.
इस संबंध में देवघर की महिला पर्यवेक्षक प्रियंका कुमारी सहित 23 अन्य वादियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राधा कृष्णा गुप्ता ने अदालत को बताया कि राज्य कई जिलों में महिला पर्यवेक्षकों को नियमित और कई जिलों में संविदा पर नियुक्ति की गई है.
प्रार्थी देवघर जिले में वर्ष 2005 से ही संविदा पर कार्य कर रहे हैं. जबकि जिले में ये सृजत पद है, ऐसे में उमा देवी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार की ओर से नियमितीकरण नियमावली-2015 के अनुसार इन्हें भी नियमित किया जाना चाहिए. लेकिन राज्य सरकार की ओर से अभी तक ऐसा नहीं किया गया है.
इस पर अदालत ने प्रार्थियों को महिला बाल विकास सचिव के यहां आवेदन देने का कहा है. इस आवेदन पर दस दिनों की प्रक्रिया पूरी करते हुए सभी को नियमित करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दिया.
रिपोर्ट : प्रोजेश