रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों की लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई है। अदालत ने विशेष रूप से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के सक्रिय होने की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर नाराजगी व्यक्त की है।
कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से यह एक गंभीर मामला है और केंद्र सरकार द्वारा शपथ पत्र दाखिल नहीं किए जाने पर उसने कड़ी टिप्पणी की। अदालत ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि घुसपैठ करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार की क्या कार्रवाई होगी, इस पर भी सवाल उठाए।
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति को देखते हुए कोर्ट ने बीएसएफ को बॉर्डर पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय गृह सचिव को भी जवाब देने के लिए बुलाया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, चीफ इलेक्शन कमीशन और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डायरेक्टर्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इंटेलिजेंस ब्यूरो से सीलबंद रिपोर्ट भी मांगी है।
सुनवाई के दौरान, अदालत ने संथाल परगना के छह जिलों के उपयुक्तों द्वारा शपथ पत्र दाखिल नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा फर्जी आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनाने की घटनाओं की ओर भी इशारा किया, जिससे आदिवासी लोगों की जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है।
अदालत ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि संथाल परगना जैसे संवेदनशील इलाकों में औचक निरीक्षण कर लोगों के आधार कार्ड और वोटर कार्ड का सत्यापन किया जाए ताकि घुसपैठियों की पहचान की जा सके।
कोर्ट ने कहा कि झारखंड में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तुरंत निकाला जाना आवश्यक है, अन्यथा और घुसपैठिए राज्य में आ सकते हैं। इसके साथ ही, राज्य सरकार को सीमावर्ती इलाकों में पुलिस फोर्स को मजबूत कर घुसपैठियों को रोकने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की है।
इस बीच, अदालत ने पूर्व की सुनवाई में संथाल परगना के छह जिलों के डीसी को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन कनीय अधिकारियों द्वारा दाखिल किए गए शपथ पत्र को स्वीकार नहीं किया गया। अदालत ने संबंधित जिलों के एसपी से डाटा उपलब्ध कराने और मुख्य सचिव से मॉनिटरिंग की अपेक्षा की थी।
दानियल दानिश की जनहित याचिका के आधार पर सुनवाई की गई है, जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण संथाल परगना में जनसंख्या की स्थिति पर चिंता जताई गई थी।