जमशेदपुर- कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल के गायनिक वार्ड में कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला का समय से प्रसव नहीं करवाये के कारण जच्चा-बच्चा की मौत. महिला बागबेड़ा की बतायी जा रही है.
अब यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेने लगा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसे संवेदनहीनता की पराकाष्ठा बताते हुए कहा है कि बन्ना गुप्ता को मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
उन्होने ने कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. डॉक्टरों की लापरवाही की कीमत जच्चा-बच्चा को जान देकर चुकानी पड़ी. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के गृह जिले में इस प्रकार की संवेदनहीन घटना सिद्ध करती है कि पूरा स्वास्थ्य विभाग कुम्भकर्णी निद्रा में है. एमजीएम अस्पताल में बार-बार इस प्रकार की घटना हो रही है.
वहीं, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुँजन यादव ने भी जच्चा-बच्चा के इलाज में लापरवाही से हुई मौत पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल में चिकित्सिकीय व्यवस्था भगवान भरोसे है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता समेत अन्य नेताओं ने चुनाव से पूर्व एमजीएम अस्पताल को लेकर बड़े-बड़े वादे किए, परंतु जीतने के बाद एमजीएम अस्पताल में चिकित्सा की स्थिति नरकीय हो गयी है. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक शहरवासियों को बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण असमय अपनी जान गंवानी पड़ेगी. जिलाध्यक्ष गुँजन यादव ने कहा कि इससे पहले भी भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे मामलों में कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए एमजीएम अस्पताल की सुविधाएं बढ़ाने की मांग लगातार की है। परंतु राज्य के मंत्री एवं विधायकगण ने ऐसी घटनाओं पर कोई संज्ञान नहीं लिया.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन को तत्काल सभी बच्चों को स्कूल में रखने का निर्देश देते हुए कोविड गाइडलाइंस के अनुसार अगल बैठाकर परीक्षा लेने का निर्देश दिया है. इसके बाद धनबाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों लेकर अपना निर्देश जारी किया। और हिम्मत एप्प के माध्यम से सभीपोजेटिव बच्चों को होम आइसोलेशन में कोरोना किट देकर भेज दिया गया।जिले के एसडीएम एवं उपायुक्त ने इसकी पुष्टि कर दी है।
2008 में नींव, 2012 में बनकर तैयार, लेकिन आज तक नहीं हुआ इस अस्पताल का उद्घाटन