Bihar Police द्वारा एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) के सहयोग से मानव दुर्व्यपार पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
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सीतामढ़ी: सीतामढ़ी बिहार पुलिस मुख्यालय, अपराध अनुसंधान विभाग एवं कमजोर प्रभाग के निर्देश के आलोक में सीतामढ़ी पुलिस के द्वारा एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) के सहयोग से सीतामढ़ी जिला के पुलिस केंद्र स्थित आनंद भवन सभागार में पुलिस पदाधिकारियों तथा बच्चों के लिए काम करने वाले अन्य हितधारकों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आनंद भवन सभागार में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन वरीय पुलिस उपाधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई सीतामढी मो नजीब अनवर, पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) अनिल कुमार, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय (शिवहर) भाई भरत, प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक रवि रंजन एवं प्रशिक्षक बबन प्रकाश के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों के रजिस्ट्रेशन के बाद वरीय पुलिस उपाधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई सीतामढी मो नजीब अनवर ने उपस्थित थानाध्यक्ष, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी एवं बाल हितधारक प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुये कहा कि यह प्रशिक्षण इसलिए जरूरी है, क्योंकि सीमावर्ती जिला का यह इलाका बाल दुर्व्यापार का प्रमुख स्रोत क्षेत्र रहा है। पुलिस विभाग में ह्यूमन ट्रेफिकिंग और किशोर न्याय अधिनियम एवं पोक्सो के कानूनी प्रावधानों को लेकर जमीनी स्तर पर बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करते हुये प्रशिक्षण के उद्देश्य के बारे में बताया और कहा कि बच्चों से संबंधित क़ानूनों की जानकारी इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी जाएगी और मानव दुर्व्यापार के मुद्दे को लेकर जिला और थाना स्तर पर पुलिस अधिकारी तथा अन्य हितधारक जिन समस्याओं से जूझते हैं, उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी। प्रशिक्षक मास्टर ट्रेनर बबन प्रकाश ने पुलिस पदाधिकारियों को किशोर न्याय अधिनियम (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) एवं लैंगिक अपराधों से संबंधित पोक्सो अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया।
बाल मजदूरी एवं बाल विवाह पर चर्चा करते हुए उसके रोकथाम के उपायों पर सुझाव दिया। उन्होंने उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों को जेजे एक्ट के तहत बरती जाने वाली सावधानी से अवगत कराया। बच्चों की सुरक्षा के साथ साथ सही देखभाल को लेकर भी सजग रहने की सलाह दी। प्रशिक्षण के दौरान बिहार एवं देश में बच्चों के साथ घटी घटनाओं एवं पुलिस द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए इसका अनुसरण करने पर जोर दिया गया।
अंतिम सत्र में प्रतिभागियों से प्रश्न भी पूछे गए। एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (बचपन बचाओ आंदोलन) के वरिष्ठ स. प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी द्वारा उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों को जागरूक करते हुये पीड़ित बच्चों को न्याय मिले, इसके लिए पुलिस और हितधारकों को संवेदनशील होने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में प्री और पोस्ट असेसमेंट टेस्ट, बच्चा कौन है, बाल कानूनों की आवश्यकता, भारत में बच्चों के मामलों का परिदृश्य, बाल कानूनों के तहत कानूनी प्रावधान, परिभाषित अपराध, निर्धारित सज़ा, अदालत के फैसले, केस स्टडीज, जिला स्तरीय अभिसरण से निपटने में विभिन्न हितधारकों की भूमिका, पुलिस, चिकित्सक, बाल कल्याण समिति, सरकारी वकील, विशेष न्यायालय आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
बेलसंड थानाध्यक्ष नवलेश कुमार आजाद एवं महिला थाना की बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी पुलिस अवर निरीक्षक रश्मि कुमारी ने प्रशिक्षण कार्यशाला में अपने अनुभवों को सांझा किया। कार्यशाला में सीतामढ़ी एवं शिवहर जिला के सभी थानाध्यक्ष, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, जिला अभियोजन कार्यालय के प्रतिनिधि शामिल रहे। कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन वरीय पुलिस उपाधीक्षक सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई मो नजीब अनवर ने किया।
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सीतामढ़ी से अमित कुमार की रिपोर्ट
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