नई दिल्ली/रांची : ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व आज देशभर में मनाया जा रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने देशवासियों को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की बधाई दी है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से हमारे मुस्लिम भाइयों-बहनों को मुबारकबाद देता हूं. आइए हम सब पैगंबर मोहम्मद के जीवन से प्रेरणा लेकर समाज की खुशहाली के लिए और देश में सुख-शांति बनाए रखने के लिए कार्य करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लोगों को ईद-ए-मिलाद-उन-नब़ी की बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, मिलाद-उन-नबी की बधाई! चारों और शांति और समृद्धि हो. दया और भाईचारे के गुण हमेशा कायम रहें. ईद मुबारक.
वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी देश और झारखंडवासियों को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद दी है. सीएम हेंमत ने ट्वीट कर लिखा कि, प्रेम, समर्पण और सद्भावना का यह मुबारक अवसर आप सभी को स्वस्थ और खुशहाल रखे, यही दुआ करता हूँ.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, मिलाद-उन-नबी के अवसर पर मेरी शुभकामनाएं. हम करुणा, शांति और भाईचारे की भावना से निर्देशित हों. ईद मुबारक!
इसके अलावा लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ’ प्रमोद सावंत और एनसीपी नेता सुप्रिया सूले ने भी ईद की बधाई दी है. ओम बिरला ने कहा, श्ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की शुभकामनाएं. आज के दिन हम समाज में शांति, सद्भाव, आपसी प्रेम की भावना को मजबूत बनाते हुए देश की उन्नति और देशवासियों के कल्याण में सक्रिय सहभागिता के अपने संकल्प को दोहराते हैं.
मोहम्मद साहब थे आखिरी नबी, ये है इनका इतिहास
पैगंबर मोहम्मद का जन्म अरब के शहर मक्का में 570 ईस्वी में हुआ था. मोहम्मद साहब के पिता का नाम हजरत अब्दुल्लाह और माता का नाम आमना बीबी था. इस्लाम धर्म के अनुसार मोहम्मद साहब आखिरी नबी माने जाते हैं. हज़रत आदम अल इस्लाम से लेकर मोहम्मद साहब से पहले तक एक लाख चौबीस हज़ार नबी आये जिसमें हजरत नूह, हज़ार मूसा, हज़रात इसा के भी नाम शामिल हैं. मोहम्मद साहब आखिरी नबी थे और अल्लाह ने इन्हीं को पवित्र कुरान अता किया था जिसे आसमानी (अकाशी) किताब भी कहा जाता है.
इस्लाम धर्म में चार आसमानी (आकाशीय ग्रन्थ) है जिसमें कुरान की सबसे ज़्यादा मान्यता है. मोहम्मद साहब से पवित्र ग्रंथ कुरान के आदर पर ही इस्लाम धर्म का प्रचार किया था. इस्लाम धर्म को पूरी दुनिया में मानने वाले कुरान को मानते हैं.