रांचीः एमिटी यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष और चांसलर, एमिटी लॉ स्कूल के विजन और मिशन के साथ आगे बढ़ते हुए, एमिटी यूनिवर्सिटी में शिक्षाविदों के लिए ‘बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर)‘ टाॅपिक पर कार्यक्रम आयोजित किया. डॉ अशोक के श्रीवास्तव (प्रो वाइस चांसलर, एमिटी यूनिवर्सिटी, झारखंड) ने कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्य रूप से बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना और उस पर चर्चा बढ़ाने के लिए एक मंच तैयार करना था.
‘शिक्षाविदों के लिए आईपीआर एवं कॉपीराइट’ पर सेमिनार
टाॅपिक पर अपना व्याख्यान देते हुए, एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के एमिटी लॉ स्कूल की सहायक प्रोफेसर अनन्या भारद्वाज ने आईपीआर की मूल बाते और दाखिल करने की प्रक्रिया और संबंधित लाभों पर बात की. उन्होंने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन और भौगोलिक संकेतों सहित विभिन्न प्रकार के आईपीआर के बारे में बताया. अनन्या भारद्वाज ने आईपीआर और पेटेंट के बीच अंतर को भी स्पष्ट किया गया.
विशेष रूप से साहित्यिक कार्य, नाटकीय कार्य, संगीत कार्य, कलात्मक कार्य, सिनेमोटोग्राफ फिल्म और साउंड रिकॉर्डिंग पर कॉपीराइट पर चर्चा की. अनन्या भारद्वाज ने लेखकों को अपना कॉपीराइट क्यों पंजीकृत कराना चाहिए जैसे मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि अगर हमें कॉपीराइट करना है तो, हमें जी.ओ.वी.इन के माध्यम से आसानी से कॉपीराइट कर सकते हैं.