एमपी-एमएलए फंड के 7.62 करोड़ अवैध निकासी का मामला
Dhanbad– धनबाद जिला परिषद में एमपी-एमएलए राशि की अवैध निकासी की जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई नहीं हो सकी.
Highlights
सरकार ने इस मामले में विशेष सुनवाई कर 7 मार्च 2022 को जारी आदेश को वापस लेने का आग्रह किया था.
लेकिन अदालत ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया.
सरकार को परेशानी है तो जा सकती है सुप्रीम कोर्ट- कोर्ट
अदालत ने मौखिक रुप से टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को कोई परेशानी है तो वह सर्वोच्च न्यायालय जा सकती है.
हालांकि आज एसीबी की एडीजी की ओर से कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई थी.
जबकि कोर्ट में पिछले सुनवाई के दौरान इस मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ
एफ.आई.आर दर्ज कर अदालत में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था.
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने एसीबी के एडीजी को उन पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है, जिनकी मिलीभगत से जिला परिषद से 7.62 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई है.
एडीजी को इस मामले में पेश करनी है अपनी रिपोर्ट
इस मामले में अब तक एडीजी ने अदालत में रिपोर्ट पेश नहीं की है.
एडीजी की रिपोर्ट के बाद ही इस मामले की गुत्थी सुलझने की संभावना है.
इस मामले में महालेखाकार ने भी आपत्ति जताई है.
महालेखाकार की रिपोर्ट में 7.62 करोड़ रुपये का नियम विरुद्ध भुगतान करने का दावा किया गया है.
इसी मामले में अदालत ने एसीबी के एडीजी को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया है.
राबिन चंद्र गोराई ने दायर किया था याचिका
इस मामले में राबिन चंद्र गोराई ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर धनबाद जिला परिषद के एमपी-एमएलए फंड से 7.62 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगाया था.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शैलेश कुमार ने याचिका दायर किया था.
इसमें जिला परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत की भी संभावना है.
रिपोर्ट- प्रोजेश