Jhariya– सरना धर्म कोड और संताली राजभाषा को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने आन्दोलन करने की चेतावनी दी है. इसके लिए 30 अप्रैल को पांच राज्यों से आदिवासी-मूलवासियों का दिल्ली में जुटान होगा.
हेमंत सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए सालखन मुर्मू ने कहा कि 1932 का खतियान की बात कर आदिवासी-मूलवासियों से वोट लिया गया था. दिल्ली जाकर सरना धर्म कोड लागू करवाने की बात कही गयी थी, लेकिन हकीकत है कि हेमंत सोरेन ने दिल्ली में सरना धर्म कोड पर एक शब्द भी नहीं बोला, हेमंत सरकार अपने वादे से मुकर रही है.
सालखन मुर्मू ने कहा कि हम आदिवासी प्रकृति पूजक है, कोई मूर्ति पूजक नहीं, हमारी आराधना पद्धति अलग है, यही कारण है हमारे द्वारा सरना धर्म कोड की मांग की जा रही है. यह हमारा अधिकार है. जहां तक बात भाषा की है तो संताली ही हमारी राजभाषा होगी. संताली को राजभाषा की श्रेणी में डालने के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा.
बता दें कि भाषा को लेकर झारखंड में बवाल मचा हुआ है. भोजपुरी मगही के विरोध और समर्थन में पूरे राज्य में धरना प्रदर्शन का दौर जारी है. स्थानीय और नियोजन नीति का आधार 1932 का खतियान बनाने की मांग की जा रही है.
रिपोर्ट- चुमन