डिजीटल डेस्क : Syria में तख्तापलट करने वाला अबू मोहम्मद अल-जुलानी है अमेरिका का वांटेड। Syria में रविवार को तख्तापलट करने वाले हयात तहरीर अल-शाम गुट के सरदार अबू मोहम्मद अल जुलानी पर सबकी निगाहें टिकी हैं। अबू मोहम्मद अल जुलानी इस समय अमेरिका का वांटेड है। जुलानी पर अमेरिका ने इनाम घोषित किया हुआ है।
Highlights
Syria: जुलानी पर अमेरिका ने रखा है 84 करोड़ का इनाम
मिडिल ईस्ट का देश Syria इस समय सुर्खियों में है। Syria में बागियों ने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया और पूरी तरह से तख्तापलट कर दिया। चारों तरफ से राजधानी में बागियों ने डेरा डाल दिया है। Syria में तख्तापलट को अंजाम देने वाला नेता अबू मोहम्मद अल जुलानी है और वह विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम का लीडर है।
इस समय यह विद्रोही गुट एचटीएस Syria का सबसे शक्तिशाली गुट है। इसने Syria की सत्ता को पलट कर रख दिया है। साथ ही अमेरिका ने साल 2017 में जुलानी पर 84 करोड़ 67 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।

Syria में तख्तापलट करने वाले अबू मोहम्मद अल जुलानी का बैकग्राउंड जानिए…
Syria में तख्तापलट करने वाले अबू मोहम्मद अल जुलानी का बैकग्राउंड खासा रोचक है। हयात तहरीर अल शाम के लीडर अबू मोहम्मद अल जुलानी का जन्म साल 1982 में सऊदी अरब के शहर रियाद में हुआ था। अल जुलानी का पैदाइश के बाद अहमद हुसैन अल-शरा नाम रखा गया था।
जुलानी के पिता सऊदी में पेट्रोलियम इंजीनियर का काम करते थे। जब जुलानी 7 साल का था तब उनका परिवार Syria की राजधानी दमिश्क में जाकर बस गया था। बड़े होने के बाद साल 2003 में 21 साल की उम्र में जुलानी इराक चला गया था और वहां जाकर वो अल कायदा में शामिल हो गया था।
वहां जुलानी बगदादी का भी काफी करीबी रहा और बगदादी के कैंप में ट्रेनिंग के बाद दोबारा Syria पहुंचा था। साल 2006 में इराक में अमेरिकी सेना ने जुलानी को गिरफ्तार कर लिया था। उसको 5 साल तक हिरासत में रखा गया। जुलानी बगदादी का करीबी था और उसी चलते उसको बाद में Syria में अल-कायदा की शाखा अल-नुसरा फ्रंट स्थापित करने का काम सौंपा गया था।
उसने विपक्ष के कब्जे वाले क्षेत्रों, खास कर इदलिब में अपना प्रभाव बढ़ाया था। फिर साल 2013 में अल बगदादी ने अपनी ताकत बढ़ाने का निर्णय लिया और Syria में ही अपने ग्रुप को बड़ा करने का तय किया। अप्रैल 2013 में, अल-बगदादी ने अचानक इस बात का ऐलान किया कि उसका समूह अल-कायदा के साथ संबंध तोड़ रहा है और Syria में ही अपना विस्तार करेगा।
उस ऐलान के बाद अल-जुलानी ने अल-कायदा के साथ जाने का तय किया और इस बदलाव को खारिज कर दिया।

Syria में तख्तापलट करने वाले जुलानी ने अल-कायदा छोड़े बनाया बना हयात तहरीर अल-शाम गुट
साल 2014 में अल जुलानी ने अपना पहला टीवी इंटरव्यू दिया था। उसमें उस ने कहा था कि Syria पर इस्लामी कानून के तहत शासन किया जाना चाहिए। उसी के बाद कुछ सालों बाद जुलानी ने अल कायदा के ग्लोबल खलीफा बनाने के प्रोजेक्ट से खुद को दूर कर लिया और वो Syria में ही अपने ग्रुप को मजबूत करने में लग गया।
साल 2016 में अलेप्पो भी Syria के शासन के अधीन हो गया और वहां के सशस्त्र समूह इदलिब की ओर बढ़ने लगे। उसी समय जुलानी ने अपने ग्रुप का नाम अल-नुसरा फ्रंट से बदल कर जभात फतेह अल-शाम कर दिया था।

साल 2017 की शुरुआत में हजारों लड़ाके अलेप्पो से भागकर इदलिब में आ गए और अल-जुलानी ने एचटीएस बनाने के लिए उनमें से कई समूहों को अपने साथ शामिल करने का ऐलान किया। इस तरह अल-जुलानी ने एचटीएस की ताकत बढ़ाने और इसको मजबूत तरीके से खड़ा करने का काम किया।
एचटीएस का मकसद Syria को राष्ट्रपति असद के शासन से आजाद कराना और देश से ईरानी लड़ाकों को बाहर निकालने के साथ ही इस्लामिक कानून वाले देश की स्थापना करना घोषित हुआ था।