पटना : आसरा गृह में हुए तीन लड़कियों की मौत व कई लड़कियों की हालत गंभीर के जिम्मेवार भाजपा-जदयू की सरकार के खिलाफ ऐपवा-आइसा संगठन ने बुद्ध स्मृति पार्क समिप प्रतिवाद मार्च किया गया। इस प्रतिवाद मार्च की संचालन ऐपवा पटना शहर सचिव अनुराधा देवी व अध्यक्षता आइसा राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने किया। भाकपा-माले के विधानपरिषद सदस्य शशि यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में सरकार लड़कियों के शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं हैं। नीतीश सरकार एक तरफ सशक्तिकरण की बात करती हैं।
वहीं दूसरी तरफ आए दिन लड़कियों और महिलाओं यौन शोषण शेल्टर होम की घटनाएं बढ़ी जा रही हैं, लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण का दावा महज छलावा साबित हो रहा हैं। आसरा गृह घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जाए। भाकपा-माले केंद्रीय कमिटी सदस्य सरोज चौबे ने संबोधित करते हुए कहा कि एनडीए सरकार की नाकामी, विफलता बिहारवासियों के हित के प्रति सोचने और समझने की क्षमता नीतीश सरकार की खत्म हो चुंकी है।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार गरीब-वंचितों लड़कियां का इस्तेमाल कर रही है। उन पर अपना वर्चस्व को बढ़ावा सरकार दे रही है। आए दिन बच्चियों के साथ अत्याचार व दुष्कर्म की घटना बिहार भर में उजागर हो रही है लेकिन मूकदर्शक बनी बैठी है। एनडीए सरकार जो दो वक्त की रोटी 30 बेटियों को नही खिला पा रही है। वो क्या इनके भविष्य बनाएंगे आसरा गृह कांड पूरे बिहार को शर्मसार कर रहा है।
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बिहार सरकार व प्रशासन की लापरवाही अक्सर ऐसे जघन्य अपराध और घटना को बढ़ावा देता है। इसलिए आसरा गृह कांड पर उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कर दोषियों के ऊपर सख्त कार्रवाई करने की गारंटी की जाए। इस कार्यक्रम में तलाश पत्रकारिता के संपादक मीरा दत्त, आइसा राज्य कार्यकारिणी सदस्य आकाश प्रियदर्शी, पटना शहर सह सचिव रेखा रानी, झुमा, साकेत सूर्या, ऋषि कूमार और अबदा खातुन, देमन्ती आदि ऐपवा-आइसा की साथी प्रतिवाद मार्च में शामिल थे।
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