क्या झारखंड में कम हो गयी है हिन्दी बोलने वालों की संख्या?

Ranchi-जेएसएससी नियुक्ति नियमावली -जेएसएससी नियुक्ति नियमावली के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सुप्रीम कोर्ट

के वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कई सवाल पूछे.

अदालत ने कहा कि क्या ऐसा कोई सर्वे या स्टडी है जिससे यह पता चल सके कि अब झारखंड में हिंदी बोलने वालों

की संख्या कम हो गई है और क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले अधिक हो गयी है.

आखिर किस आधार पर इस नियमावली को बनाया गया है.

जेएसएससी नियुक्ति नियमावली

नियमावली बनाने की पीछे कोई आधार तो रहा होगा. जिसके आधार पर यह नियमावली का निर्माण किया गया है.

इस पर मुकुल रोहतगी नेअदालत से समय की मांग करते हुए कहा कि वह इस नियमावली के बनाने के पीछे की मंशा

और आधार के बारे में राज्य के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर कोर्ट को बताएंगे.

इसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई को निर्धारित कर दी. इस दौरान मुकुल रोहतगी ने

कहा कि राज्य सरकार हिंदी को जोड़ने के लिए पुन: विचार कर सकती है.

परंतु उन की ओर से दसवीं और बारहवीं की शर्त को सही ठहराने की कोशिश की गई.

इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों को मुख्यधारा में लाने और आगे बढ़ाने के लिए

जेएसएससी नियुक्ति नियमावली का निर्माण सरकार कर सकती है,लेकिन इससे सामान्य वर्ग के हितों पर कुठाराघात भी नहीं होना चाहिए.

अब मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.

रिपोर्ट-प्रोजेश

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