हेमंत सोरेन मुर्दाबाद, शिबू सोरेन जिंदाबाद आखिर क्या है इसके राजनीति मायने
Sahibganj-1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर झारखंड की यात्रा पर निकले लोबिन हेंब्रम ने शिबू सोरेन जनजातीय महाविद्यालय मैदान में जनाक्रोश महासभा का आयोजन सरकार को खुली चेतावनी दे दी है.
बता दें कि लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी की ओर से लगातार चेतावनी दी जा रही है.
साहिबगंज जिला अध्यक्ष ने भी लोबिन को कार्यक्रम रद्द करने चेतावनी दी थी.
पारंपरिक हथियारों के साथ पहुंचे झामुमो कार्यकर्ता
बावजूद इसके कार्यक्रम स्थगित नहीं किया गया
और आज हजारों की संख्या में झामुमो कार्यकर्ता अपने पारंपरिक हथियार से लैस होकर सभा स्थल पहुंचे.
जहां सभा स्थल पर हेमंत सोरेन होश में आवो का नारा लगाया जा रहा था, वहीं शिबू सोरेन जिंदाबाद के नारे भी गुंज रहे थें.
इस बीच विधायक लोबिन ने दावा किया कि
सभा को असफल बनाने के लिए प्रशासन ने विभिन्न चौक चौराहों और मार्गों पर अवरोध खड़ा कर दिया.
जिससे कि कार्यकर्ता सभा स्थल पर नहीं पहुंच सके.
बावजूद इसके हजारों की संख्या में समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा.
कार्यकर्ताओं ने कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सभा को सफल बनाया.
पहले खुद अपने गिरबान में झांक ले स्टीफन मरांडी
लोबिन हेंब्रम ने स्टीफन मरांडी पर तंज कसते हुए कहा कि वह पहले अपने गिरेबान में झांक ले.
उसके बाद ही कोई टीका टिप्पणी करे. यह वही है जिन्होने झारखंड मुक्ति मोर्चा का साथ छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामा था.
अब हम पर आरोप लगा रहे हैं कि हम भाजपा के साथ मिलकर बगावत कर रहें हैं.
यह सारे आरोप तथ्यहीन है.
हेमंत सोरेन को बतलाना चाहिए कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव क्यों लड़ा
लोबिन हेम्ब्रम ने बेहद आक्रमक स्वर में कहा कि वह भूल रहे हैं कि पार्टी का टिकट नहीं देने पर हमने 1995 में निर्दलीय चुनाव जीता था.
बावजूद इसके किसी पार्टी में शामिल नहीं हुआ. बाद में झामुमो में शामिल हुआ.
लेकिन हेमंत सोरेन को यह जरुर बतलाना चाहिए कि उन्होने खुद भाजपा के साथ मिलकर चुनाव क्यों लड़ा था.
5 अप्रैल से होगा हुल का आगाज
उस समय भी मैंने इसका विरोध किया था, लेकिन आज हम पर ही भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने का आरोप लगाया जा रहा है. इस अवसर लोबिन हेंब्रम ने एक बार फिर से दोहराया कि
5 अप्रैल को सिद्धू कानू के जन्मस्थली बरहेट से मिट्टी का तिलक लेकर एक बार फिर से हुल का आगाज होगा.
रिपोर्ट-अमन