Ranchi– झारखंड हाईकोर्ट ने सभी विभागों पर प्रोन्नति पर लगाई रोक की अवधि को नहीं बढ़ाया है.
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य सरकार अन्य विभागों में प्रोन्नति दे सकती है.
इस मामले में अब 8 सितंबर को सुनवाई होगी.
इस मामले में डीजीपी और कार्मिक सचिव की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया है.
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने जवाब दाखिल करने के लिए
दो सप्ताह के समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
बता दें कि इस संबंध में श्रीकांत दुबे की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी विभागों में प्रोन्नति से संबंधित कार्मिक विभाग के आदेश पर रोक लगा दी थी.
रांची हिंसा मामले में सरकार के जवाब से झारखंड हाईकोर्ट नाराज
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रांची हिंसा मामले में सुनवाई हुई.
सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के जवाब पर असंतुष्टि जाहिर की.
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक कहा कि पूरा तंत्र इस केस को रद्दी की टोकरी में फेंकने के लिए लगा हुआ है.
इस मामले की जांच भी सही दिशा में नहीं चल रही है. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि एसएसपी को अभी वेटिंग फार पोस्टिंग में रखा गया है.
वहीं घायल दारोगा का स्थानांतरण कर दिया गया है.
इस पर अदालत ने कहा कि एसएसपी को ट्रांसफर करना उचित नहीं है,
क्योंकि इस घटना की जांच में वे शामिल थे.
साथ ही दारोगा को ठीक होने के बाद फिर से डेली मार्केट थाने में रखा जाना चाहिए.
अदालत में डीजीपी से उन सभी केसों की जानकारी मांगी हैं जो रांची हिंसा के दौरान दर्ज किए गए थे.
क्योंकि सरकार ने कहा कि सिर्फ डेली मार्केट थाने में दर्ज मामले को ही सीआईडी को सौंपा गया है.
बाकी के 31 प्राथमिकी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
इन सभी केसों की जांच और स्थिति के बारे में डीजीपी को जानकारी देनी है.
अधिवक्ता राजीव कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईडी में पेशी
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार को ईडी की विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. जहां ईडी कोर्ट ने अधिवक्ता राजीव कुमार 8 दिनों का रिमांड पर भेज दिया. बता दें कि 50 लाख रुपए के साथ कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था.