शिक्षक विहीन विद्यालयों में बिना पढ़े सैकड़ों बच्चे हो गए पास, 10 वर्षों से एक भी शिक्षक की नहीं हुई नियुक्ति

सरहसा : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक जब से स्कूलों को ठीक करने की तैयारी में जुटे है शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अनवरत स्कूलों को जांच करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन जिले के अधिकतर उत्क्रमित उच्च विद्यालय का हालात यह है कि सरकार ने उच्चतर माध्यमिक का दर्जा तो दे दिया लेकिन विद्यालयों में एक शिक्षक नहीं दे सके।

सैकड़ों बच्चे विना पढ़े हो गए पास

सहरसा जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अन्तर्गत उत्क्रमित उच्य माध्यमिक विद्यालय बिहरा को सरकार ने वर्ष 2014 में माध्यमिक विद्यालय का दर्जा दिया। लेकिन 2014 से उस विद्यलयों में नौ वर्ष बीतने को है और एक भी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नही की गई। आज भी उत्क्रमित उच्य माध्यमिक विद्यालय बिहरा में वर्ग नवम में 123 बच्चे दशम में 118 बच्चे एवं ग्यारवीं में अब तक छह बच्चों ने नामांकन ले लिया है। लेकिन वो बच्चे कैसे पढ़ेगें इस और विभाग ध्यान नहीं देती है और न ही उस विद्यलयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

निजी कोचिंग पर सरकार चलायेगी डंडा

हाल ही में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने अपने पत्रांक 202/2023 के आलोक में सभी डीएम को पत्र निर्गत किया कि निजी कोचिंग पर अंकुश लगाया जाए कि विद्यालय अविधि में यथा नौ बजे से 04 बजे तक कोचिंग नही चलाया जाय। अब सवाल उठता है कि जिस बच्चे की स्कूलों में पढ़ाई नही होगी वह अगर निजी कोचिंग संस्थानों का सहारा नही लेगें तो वैसे बच्चे कैसे परीक्षा में पास करेगें। मध्य विद्यालय बिहरा के शिक्षक निरंजन कुमार ने विना कैमरे पर आए मौखिक रूप से बताया कि उत्क्रमित उच्य माध्यमिक विद्यालय में एक भी शिक्षक नही है। मध्य विद्यालय हकपड़ा के प्रधानाध्यापक शशि शेखर भारती प्रभार में है वह भी यहां कम आते हैं। मध्य विद्यालय बिहरा में पहली से आठवीं तक 908 बच्चे नामांकित है जिसमें लगभग 21 शिक्षक कार्यरत हैं।

 

जर्जर भवन में बच्चे बैठने में कतराते

नवीं से बारवीं तक विद्यलयों का तो संचालन हो रहा है लेकिन जब परीक्षा आयोजित होती है और बच्चे जब खास कर परीक्षा में आते हैं तो उस समय भी जर्जर भवन में बैठने से कतराते हैं। भवन में प्रयोगशाला नदारद है और बच्चे को बैठने की समुचित व्यवस्था अब तक नही हो सकी है। सबसे बड़ी बात की मध्य विद्यालय के शिक्षक भी अपने बच्चों को पढ़ाने में इतने व्यस्त हो जाते है कि इधर झांकना भी बमुश्किल हो जाता है।

जियाउल होदा खां, जिला शिक्षा अधिकारी सहरसा

विद्यलयों में शिक्षक नदारद नही हैं नीचे के वर्ग के शिक्षक उन बच्चों को पढ़ाते हैं। उनके अलावे जब हमलोगों के संज्ञान में आता है तो हम लोग शिक्षक प्रतिनियुक्त करते हैं और अभी दो शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। सभी जगह प्रधानाध्यापक है जहां नहीं है वहां बहाली हो रही है उन जगहों पर भी प्रधानाध्यापक जायेगें। जल्द हो बहाली होगी आगामी 24 अगस्त को शिक्षक भर्ती की परीक्षा है। निजी कोचिंग मामले में अभी मामला डीएम साहब के यहाँ है बैठक के बाद इस पर कुछ निर्णय होगा।

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राजीव झा की रिपोर्ट

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