रांची: साइबर अपराधी ठगी के लिए रोज़ नई तरकीबें अपना रहे हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा साइबर ठगी एपीके फाइल के जरिए हो रही है। रांची साइबर थाना के अनुसार, हर माह करीब 40 साइबर ठगी के मामले यहां दर्ज हो रहे हैं, जिनमें एपीके फाइल के जरिए ठगी के मामले प्रमुख हैं।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ चंदन शर्मा के अनुसार, ठगों के लिए एपीके फाइल के जरिए ठगी करना सबसे आसान तरीका है। जब कोई व्यक्ति एपीके फाइल डाउनलोड करता है, तो उसके फोन के मैसेज, गैलरी, कॉन्टैक्ट्स आदि तक ठगों की पहुंच हो जाती है। इसके बाद, ठगों को ओटीपी या अन्य गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए फोन कॉल करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, और वे आसानी से पैसे उड़ाने में सक्षम हो जाते हैं।
साइबर अपराधी आमतौर पर सरकारी योजनाओं के नाम पर एपीके फाइल भेजते हैं, जैसे पीएम किसान न्यू लिस्ट डॉट एपीके, पीएम किसान लिस्ट डॉट एपीके, और मंईयां सम्मान योजना डॉट एपीके। इन फाइलों के नाम से लोग भ्रमित हो जाते हैं और फाइल डाउनलोड कर लेते हैं, जिससे उनकी जानकारी ठगों के हाथ लग जाती है।
साइबर सुरक्षा को लेकर विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को किसी भी अनजान स्रोत से भेजी गई एपीके फाइल डाउनलोड करने से बचना चाहिए और अपने फोन के ऑटो डाउनलोड सिस्टम को निष्क्रिय रखना चाहिए। इस तरह के फाइलों के नाम में डॉट एपीके लिखा होता है, जो इसकी पहचान करने में मदद करता है।