रांची: झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सरला बिरला यूनिवर्सिटी और राधा गोविंद यूनिवर्सिटी की याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने निजी विश्वविद्यालयों की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में अपना जवाब दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
सरकार ने वर्ष 2024 में प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट लागू किया था, जिसका उद्देश्य निजी विश्वविद्यालयों में नियुक्ति और अन्य सुविधाओं को व्यवस्थित करना है। इस एक्ट के तहत निजी विश्वविद्यालयों में कुलपति, रजिस्ट्रार और अन्य पदों पर नियुक्ति का प्रावधान किया गया है।
हालांकि, सरला बिरला यूनिवर्सिटी और राधा गोविंद यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट में इस एक्ट को चुनौती दी है। उनका कहना है कि वे अपने एक्ट के तहत नियुक्तियां कर चुके हैं और सरकार का यह नया कानून उन पर नहीं थोपा जा सकता।
हाईकोर्ट का यह फैसला निजी विश्वविद्यालयों और राज्य सरकार के बीच इस मुद्दे पर विवाद को और गहराने का संकेत देता है। अब सभी की नजरें अप्रैल में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं।