रांची: झारखंड में निजी मेडिकल कॉलेजों को पोस्टमार्टम करने की अनुमति देने की तैयारी शुरू हो गई है। जमशेदपुर स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज ने सरकार से इसके लिए अनुमति मांगी है। इस पर गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने विधिक राय के बाद पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए बुनियादी सुविधाओं की जांच करेगी और 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।
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क्यों अहम है यह फैसला?
अगर मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज को अनुमति मिलती है, तो यह झारखंड का पहला निजी मेडिकल कॉलेज बन जाएगा, जहां शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। अभी तक राज्य में यह सुविधा केवल सरकारी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों तक सीमित है। इससे मरीजों के परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए दूसरे अस्पतालों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
2022 से लंबित है प्रस्ताव
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने 2022 में ही स्वास्थ्य विभाग को पोस्टमार्टम की अनुमति के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद कॉलेज ने विभाग को प्रस्ताव भेजा। सरकार ने प्रस्ताव की गहन समीक्षा के बाद इस महीने एक विशेष कमेटी का गठन किया है।
कमेटी की संरचना
गृह विभाग के विशेष सचिव अनिल कुमार तिर्की की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में पुलिस उप-महानिरीक्षक संध्या रानी मेहता, गृह विभाग के संयुक्त सचिव आलोक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के उप-सचिव अनंत कुमार, और राज्य विधि विज्ञान निदेशालय के संयुक्त उप-निदेशक बृज किशोर ठाकुर शामिल हैं।
पोस्टमार्टम के लिए जरूरी सुविधाएं
विशेषज्ञों के अनुसार, किसी मेडिकल कॉलेज को पोस्टमार्टम की अनुमति तभी मिल सकती है जब वहां नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के मानकों के अनुसार ऑटोप्सी रूम, मॉर्चरी, रिसेप्शन हॉल, पर्याप्त स्टाफ और उपकरण मौजूद हों। वर्तमान में कई राज्यों में निजी मेडिकल कॉलेजों को पोस्टमार्टम की अनुमति है। झारखंड में भी अगर यह निर्णय लागू होता है, तो यह राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई शुरुआत होगी।