Arra –भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा ने तीन कृषि कानूनों की वापसी पर आरा बस स्टैंड में सभा का आयोजन किया.
सभा को सम्बोधित करते हुए तरारी विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के सामने घमंडी तानाशाह को झुकना पड़ा. किसान विरोधी कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करनी पड़ी. लेकिन अभी भी इसकी संसद से विधिवत वापसी नहीं हुई है.
कृषि कानूनों की वापसी एक ऐतिहासिक जीत है. लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने, बिजली बिल वापस लेने, आंदोलनकारी किसानों पर हुए हजारों मुकदमों की वापसी, 700 से ज्यादा शहीद हुए किसानों के परिजनों को मुआवजा, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी आदि मुद्दे यथावत कायम है. यही कारण है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा नहीं की है.
हमलोगों ने बिहार में मंडियों की बहाली और मक्का, दलहन सहित तमाम फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करने की मांग भी उठाई थी. बिहार सरकार ने धान,गेहूं की खरीद में छोटे किसानों के सामने अनेक तरह की बाधा खड़ी कर दी है. हमारी मांग इसको सरल करने की है. लेकिन बिहार सरकार हमारी मांग पर ध्यान नहीं दे रही है.