रांची:केंद्र सरकार की ओर से आदिवासियों, महिला स्वयं सहायता समूह और गरीबों को बड़ा तोहफा दिया गया है.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन), महिला स्वयं सहायता समूह को ड्रोन की ट्रेनिंग देने और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच तक जारी रखने को मंजूरी दी गयी.
प्रधानमंत्री ने जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर खूंटी से इस अभियान की घोषणा की थी. पीएम जनमन योजना से 26.16 लाख से अधिक गरीब आदिवासी परिवारों को फायदा होगा. योजना के तहत 4.90 लाख परिवारों को पक्का घर देने का लक्ष्य है.
प्रति घर पर 2.39 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. योजना पर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें केंद्र सरकार 15,336 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों को 8,768 करोड़ रुपये खर्च करना होगा.
योजना के तहत नौ केंद्रीय मंत्रालय मिल कर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 11 प्रमुख क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देंगे. कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक आर्थिक स्थितियों में सुधार लाया जायेगा.
केंद्र सरकार ने बजट 2023- 24 में इस योजना की घोषणा की थी. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचिज जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी इसमें 18 राज्यों और केद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 75 प्रतिशत समुदाय विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के तौर पर वर्गीकृत किया गया है.