Dhanbad : पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर ने कर दिया गलत ईलाज और चली गई जान, पीएम तक शिकायत..

Dhanbad : वैसे तो चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन जब वही भगवान ऑपरेशन थियेटर में लापरवाही करें और मरीजों की जान चली जाए तो उन्हें यमराज से कम भी नहीं आंका जा सकता। वहीं दूसरी ओर सेवा को छोड़कर निजी अस्पताल भी पूरी तरह से व्यवसाय बन गया है जहां मरीजों की इलाज के दौरान सेवा भाव नहीं उनसे कैसे अधिक से अधिक धन ऐंठने हैं इस बात पर अस्पताल प्रबंधन का फोकस रहता है।

ताजा मामला धनबाद के कोलकुसमा में अवस्थित जे पी हॉस्पिटल का है जहां गलत सर्जरी एवं गलत इलाज के कारण एक हंसता खेलता परिवार से उसका मुखिया छिन गया और राजेश ठाकुर नामक सख्स की मौत हो गयी। जिसके बाद नाराज परिजनों ने पीएमओ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं धनबाद उपायुक्त और सिविल सर्जन को शिकायत कर अस्पताल एवं डॉक्टर की मान्यता रद्द कर कार्रवाई की मांग की है।

Dhanbad : पेट दर्द की शिकायत लेकर गए थे अस्पताल

मायूसी की अवस्था में घर में बैठे ठाकुर परिवार के लोग इन लोगों से इस परिवार का मुखिया छिन गया है और बस उनकी यादें बची है। दरअसल राजेश ठाकुर को पेट दर्द की शिकायत हुई थी और टाटा एआईजी से उन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस करवा रखा था।  कैशलेस इलाज के चक्कर में उन्होंने जेपी अस्पताल का रूख किया और अस्पताल प्रबंधन ने भी परिजनों से कोई जांच रिपोर्ट की तथ्यों को छुपाते हुए जॉन्डिस की अवस्था में गॉलब्लैडर का स्टोन ऑपरेशन करके निकालने की जहमत उठाई और यही राजेश ठाकुर के मौत की वजह बनी।

ऑपरेशन के दौरान परिजनों का आरोप है कि छोटी आंत में डॉक्टर के द्वारा कट कर दी गई और बाद में उसे ठीक नहीं किया गया जिसकी वजह से इंफेक्शन हो गया और हायर सेंटर ले जाने के बाद भी उसके जान को बचाया नहीं जा सका। परिजनों ने जो आरोप लगाया है उसके अनुसार जिस चिकित्सक ने ऑपरेशन किया है वह भी सेंट्रल गवर्नमेंट का एम्पलाई है और किसी निजी अस्पताल में ऑपरेशन नहीं कर सकता है। पूरे मामले में मृतक के पिता हरेंद्र ठाकुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय धनबाद उपायुक्त एवं सिविल सर्जन को शिकायत दर्ज कराते हुए जे पी अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सक डॉ अनीस गांधी पर कार्रवाई करने एवं उनकी मान्यता रद्द करने की गुहार लगाई है।

जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन

वहीं पूरे मामले में जब धनबाद सिविल सर्जन डॉक्टर सी वी प्रतापन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायत के आलोक में पांच सदस्य चिकित्सकों की टीम का गठन किया गया है उनकी अगवाई में जांच चल रही है फिलहाल एक एनेस्थेटिक की कमी के वजह से जांच की गति थोड़ी धीमी है लेकिन इस मामले में डॉक्टर की टीम के द्वारा जो रिपोर्ट दिया जाएगा उसके आधार पर अगर अस्पताल प्रबंधन अथवा चिकित्सक दोषी पाया जाता है तो उनके ऊपर विधि संवत कार्रवाई जरूर की जाएगी।

Dhanbad : अस्पताल प्रबंधन के द्वारा 1 लाख की राशि वसूल ली गई

आमतौर पर गॉल ब्लैडर में स्टोन होने पर 30 से 35000 रुपए में किसी भी निजी अस्पताल में सर्जरी कराई जा सकती है लेकिन टाटा AIG के साथ अनुबंध होने के कारण अस्पताल प्रबंधन के द्वारा 1 लाख से अधिक की राशि का भुगतान लिया गया। इतना ही नहीं मरीज को जोंडिस है यह बात छुपाते हुए जल्दीबाजी में उसके गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन कर दिया गया और इस दौरान भी चिकित्सक ने गंभीर लापरवाही बरती और आज उसके परिवार का एक अहम सदस्य उसके साथ नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि जो चिकित्सा केंद्रीय अस्पताल जैसे संस्थान में कार्यरत हो वह निजी अस्पताल में ऑपरेशन कैसे कर सकता है पूरे मामले की उचित जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें न्याय मिलना चाहिए।

धनबाद से राजकुमार जायसवाल की रिपोर्ट—-

Loading Live TV...
YouTube Logo

जो खबरें सबको जाननी चाहिए 🔥
उन्हें सबसे पहले देखिए 22Scope पर

📺 YouTube पर जाएँ – Breaking News के लिये Subscribe करें 🔔

Also Read

Stay Connected
120,000FansLike
8,200FollowersFollow
497FollowersFollow
525,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Most Popular