रांची झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच तेज हो गई है। एसीबी ने इस घोटाले से जुड़े लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनमें कई प्लेसमेंट एजेंसियों और शराब कारोबार से जुड़े लोग शामिल हैं। हालांकि, समन जारी होने के बावजूद अधिकांश लोग अब तक एसीबी कार्यालय नहीं पहुंचे हैं।
सोमवार को छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसी ‘एटूजेड इंफ्रा सर्विस’ के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे भी उपस्थित नहीं हुए। इसी प्रकार, रांची के ऑटोमोबाइल कारोबारी और पूर्व प्रधान सचिव रह चुके विनय सिंह को भी दो बार समन किया गया है, मगर वे भी अब तक पेश नहीं हुए हैं। एसीबी अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है और अगली बार अनुपस्थित रहने पर गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है।
इस मामले में एसीबी ने पहले ही आईएएस विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इन सभी की न्यायिक हिरासत की अवधि 23 जून तक बढ़ा दी गई है। उल्लेखनीय है कि चौबे और गजेंद्र सिंह को एसीबी रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की गई, लेकिन एजेंसी को अब तक कोई ठोस इनपुट नहीं मिल सका है।
इसके अलावा, वित्त विभाग के महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, अभियान प्रभारी सुधीर कुमार और ‘मार्शन’ प्लेसमेंट एजेंसी के प्रतिनिधि नीरज कुमार को भी 21 मई को गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को एसीबी, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के वर्तमान सचिव मनोज कुमार और पूर्व आयुक्त (सेवानिवृत्त) अमित प्रकाश से पूछताछ कर सकती है। पूछताछ का फोकस कथित काले धन के निवेश और विभागीय प्रक्रियाओं में अनियमितताओं पर रहेगा।