14 की उम्र में थामा हथियार, 24 की उम्र में 3 लाख का इनामी नक्सली अखिलेश ने 60 IED के साथ किया आत्मसमर्पण। गया पुलिस की कार्रवाई से संगठन को बड़ा झटका
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गयाजी: जिस उम्र में बच्चों की दुनिया किताबें होती हैं, उस उम्र में हथियार उठा लिया। महज 14 साल का था अखिलेश सिंह भोक्ता, जब नक्सली संगठन से जुड़ गया। दस साल तक जंगल, बारूद और खून उसका संसार रहा। मगर उम्र के 24 वें पड़ाव में नक्सली दुनिया छोड़कर उसने मुख्यधारा में आने का फैसला लिया और गया के एसएसपी आनंद कुमार के सामने गुरुवार को उसने सरेंडर कर दिया। साथ में उसने सेमी-ऑटोमैटिक राइफल भी जिला पुलिस को सौंप दिया।
एसएसपी ने बताया कि सरेंडर करने वाले अखिलेश ने 60 जिंदा आईईडी के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिसे ढूंढ कर नष्ट कर दिए गए। सभी आईईडी जंगल व पहाड़ के रास्ते मे उसके द्वारा प्लांट किए गए थे। उन्होंने बताया कि ये वही अखिलेश है जो मगध जोन में सब-जोनल कमांडर बन चुका था। उस पर बिहार सरकार ने तीन लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
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पहली हत्या 2017 में, आखिरी अपने गांव में
अखिलेश ने पहली बड़ी नक्सली वारदात 2017 में अंजाम दी थी। उसके बाद से वह लगातार घटनाओं को अंजाम देता रहा। 2025 में छकरबंधा स्थित अपने गांव कचनार में उसने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यही उसकी आखिरी वारदात साबित हुई।
गया और औरंगाबाद के 17 से अधिक केस में था वांछित
गया, औरंगाबाद, और मदनपुर के जंगलों में वह संगठन के लिए ऑपरेशन चलाता था। आईईडी विस्फोट से लेकर हत्या और पुलिस पर हमलों तक से जुड़े हर मोर्चे पर सक्रिय था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उस पर कुल 17 से अधिक नक्सली घटनाओं में केस दर्ज हैं।
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60 आईईडी का जखीरा बरामद
एसएसपी ने बताया कि सरेंडर के बाद पुलिस को उसके बयान से बड़ी सफलता मिली। छकरबंधा के जंगल में छिपा कर रखे गए 60 जिंदा IED मिले। सभी का वजन लगभग 1 किलो था। CRPF, SSB और BSAP के सहयोग से सभी विस्फोटकों को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
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गया से आशीष कुमार की रिपोर्ट