मोतियाबिंद के ऑपरेशन में चली गई 27 लोगों की आंख की रोशनी
मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में एक निजी अस्पताल की घोर लापरवाही सामने आयी है. शहर के आई हॉस्पिटल में 65 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ. जिसके बाद 27 लोगों को इन्फेक्शन हो गया. इसमें से 7 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी. वहीं 16 मरीजों को SKMCH में भर्ती कराया गया है, जिनका इलाज चल रहा है. इसकी जानकारी एसकेएमसीएच के नेत्र विभाग के डॉक्टर मनोज मिश्रा ने दी. बताया जाता है कि इन्फेक्शन ज्यादा होने के कारण इन सभी की आंखें की रोशनी चली गई है. अब इनका फिर से ऑपरेशन किया जायेगा.
इस घटना के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया है. वहीं सिविल सर्जन से नौ मरीजों के परिजनों ने कहा कि उनके मरीजों की आंखे निकाली गयी है. उधर, अस्पताल के सचिव दिलीप जलान ने बताया कि 15 लोगों को इलाज के लिए पटना के सगुना मोड़ स्थित दृष्ट पुंज अस्पताल भेजा गया था. सोमवार को आई हॉस्पिटल में 7 मरीजों की आंखें निकाली गयी. डॉक्टरों के अनुसार सभी संक्रमित मरीजों की आंखों की रोशनी चली गयी है.
परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने पूरे मामले की जांच का निर्देश देते हुए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. सिविल सर्जन ने 16 अन्य संक्रमित मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया है. उनका इलाज कर रहे डॉक्टर के अनुसार इनमंे दो मरीजों की आंखों में ज्यादा दर्द है. उनकी ऑपरेशन कर आंखें निकाली जायेगी.
22 नवंबर को लगा था कैंप
मरीजों के परिजनों ने बताया कि 22 नवंबर को आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगा था, जिसमें 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया. दो दिन बाद अस्पताल से मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया. जब वे लोग घर पहुंचे, तो आंखों में दर्द शुरू हो गया. अस्पताल में आकर जांच करायी गयी, तो डॉक्टर ने कहा कि इन्फेक्शन हो गया है.
जांच रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन ने कहा कि इसकी जांच के लिए सीएमओ को निर्देश दिया है. एसीएमओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनायी है. साथ ही दो दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.