कटिहार : लूट सको तो लूट लो, वरना रहना पर सकता है भूखा। ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र कुर्सेला की है। जहां सरकार की ओर से राहत कैंप चलाया ही जा रहा है लेकिन राहत कैंप की व्यवस्था काफी नहीं है।
कई सामाजिक संगठन लोगों के बीच सूखा राशन वितरित कर रहे हैं। मगर जैसे ही सूखा राशन लेकर लोग बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र तक पहुंचते हैं वैसे ही लूट का हालात बन जाता है। कुछ बाढ़ पीड़ित इस हालात को बयां करते हुए कहते हैं कि करें तो क्या करें। हम लोग इतना मजबूत भी नहीं हैं की इस भीड़ में सुखा राशन लूट सके।
राशन वितरण के लिए आए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब हालात बेहद ही खराब हो गया है। इसलिए वे लोग अपने सामाजिक योगदान से हालात को सुधारने के लिए जुटे हुए हैं। लेकिन अब भी लोग राशन वितरण के लिए आते हैं। बाढ़ के विपदा के बीच का त्रासदी यह तस्वीर बेहद दुखद है। इस तरह के लूट से कभी भी बड़ा दुर्घटना हो सकता है।