रांची: झारखंड सरकार के महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग ने राज्यभर में तीन साल में होने वाले बाल विवाह के आंकड़ों को जुटाने के लिए निर्देश जारी किया है।
इस निर्देश के अनुसार, सभी जिलों से संबंधित आंकड़ों की जाँच के लिए सीआईडी टीम ने कार्यवाही शुरू कर दी है।
सरकारी आदेश के तहत, सीआईडी ने जिलों से बाल विवाह के मामलों के आंकड़ों की जानकारी मांगी है। इसमें तीन साल में हुए बाल विवाह के मामले शामिल हैं, जिनमें से कुछ मामले ऐसे हैं जब बाल विवाह को रोका गया था और उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।
इस खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में जानकारी मांगी है, लेकिन राज्यों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मिलने में अभी विलंब है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और समाज कल्याण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बाल विवाह से जुड़े आंकड़ों को देने के लिए सभी राज्यों से अनुरोध किया था।
अप्रैल 2023 में, सभी राज्यों के महिला बाल विकास व समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और अधिकारियों को एक लिखित पत्र भेजकर इन आंकड़ों की मांग की गई थी।
हालांकि, कुछ राज्यों ने पहले तीन रिमाइंडर भेजने के बाद भी तथ्यात्मक आंकड़े नहीं भेजे हैं, इसलिए मंत्रालय ने फिर से 18 जुलाई को एक नए पत्र के माध्यम से उन बिंदुओं पर आंकड़े भेजने के लिए उनसे पत्राचार किया है।