HAZARIBAGH: हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पननवाटांड गांव में आजादी के आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी बिजली सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों को मयस्सर नहीं. इस गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है लेकिन इस गांव से होकर गुजरने वाली एनटीपीसी की कन्वेयर बेल्ट जिससे कोयले की धुलाई होती है उसमें 24 घंटे बिजली का सप्लाई होती है और बल्ब भी जलते हैं, इस बल्ब को देखकर गांववाले दूर से ही खुश हो जाते हैं.
‘बिजली नहीं रहने के कारण होते हैं हाथियों के हमले’
HAZARIBAGH: बिजली नहीं रहने के कारण हाथियों द्वारा बार-बार इस गांव पर हमला किया जाता है. जिससे बचने के लिए यह लोग गांव के ही सरकारी स्कूल के छत पर शरण लिए रहते हैं.
पननवाटांड के ग्रामीणों ने न्यूज 22 स्कोप से बातचीत में कहा कि इस गांव में बिजली और सड़क अच्छी नहीं होने के कारण उन्हें बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बार-बार हाथी आकर उनके घरों को तोड़ जाते हैं. उन्होंने बताया कि बिजली नहीं रहने के कारण गांव में कोई गाड़ी भी नहीं आती है, जिससे डिलीवरी पेशेंट या किसी बीमार व्यक्ति को ले जाने लाने में काफी परेशानी होती है.
गांव में पोल तो गिरे हैं लेकिन बिजली नहीं आई
वही गांव की एक महिला ने बताया कि बिजली के पोल तो गिरे हैं लेकिन अभी तक उनके गांव में बिजली नहीं आई है सड़क भी अच्छी नहीं है.
वन विभाग से एनओसी मिलते ही पहुंचाएंगे बिजलीः डीसी
हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय ने बताया कि वन विभाग के क्लीयरेंस
का मामला है. एनओसी की जरूरत पड़ती है. एनओसी मिलते ही
उक्त गांव तक बिजली पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.
वहीं बिजली विभाग के एक्सक्यूटिव इंजीनियर महादेव मुर्मू ने
बताया कि इस ग्राम का विद्युतीकरण दीनदयाल उपाध्याय
योजना से होना था लेकिन फॉरेस्ट का कुछ प्रॉब्लम आने के
कारण अब इस गांव का विद्युतीकरण जरेडा के माध्यम से
होगा जिसके लिए उन्होंने ग्राम सभा का आयोजन कर लिया है.
वहां पोल भी गिराए जा चुके हैं जैसे ही उन्हें एनओसी प्राप्त
होगी वहां बिजली की समस्या को दूर कर दिया जाएगा.
रिपोर्ट: शशांक