बेगूसराय : बेगूसराय में एक माह से चल रहे बिहार के प्रसिद्ध गंगा सिमरिया धाम में कल्पवास मेले का समापन हुआ। इस दौरान जिला प्रशासन और शासन द्वारा मीडिया को कवरेज और सम्मान के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद भी बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और बेगूसराय के जिलाधिकारी तुषार सिंगल के मौजूदगी में पत्रकारों को अपमानित किया गया।
आपको बता दें इस तरह के मामले बेगूसराय में और भी सामने आते रहे हैं। बावजूद मीडिया अपने दायित्व से पीछे नहीं हटती है। इस बार जिला प्रशासन ने बाकायदा जिला जनसंपर्क बेगूसराय ग्रुप में चार दिन पूर्व भी जिले के तमाम पत्रकारों को इस भव्य आयोजन का कवरेज और सम्मान के लिए कई बार आमंत्रित किया। जब कवरेज के लिए स्थल पर पहुंचे मीडिया तो उन्हें जबरन आई कार्ड मांगने लगे। जबकि जिला प्रशासन और शासन के तरफ से कोई आई कार्ड इस कल्पवास स्थल को कवरेज करने के लिए नहीं निर्गत किया गया था।
दूसरी तरफ मीडिया अपनी दायित्व को समझते हुए किसी तरह कवरेज करने की वहां जब कोशिश की तो जिला प्रशासन ने मीडिया गैलरी ही तैयार नहीं की थी। गनीमत रही मीडियाकर्मियों ने किसी तरह कवरेज किया लेकिन जब इस लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन और डिप्टी सीएम की मौजूदगी में मीडिया ने सूचना जनसंपर्क अधिकारी को अपमान से अवगत करवाया तो किसी ने सुध लेना मुनासिब नहीं समझा। इसके बाद बेगूसराय के तमाम मीडिया कर्मी कल्पवास स्थल से बाहर आकर जिला प्रशासन और शासन के लापरवाही के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। कवरेज तो दूर की बात जिला प्रशासन के द्वारा सम्मान लेना भी मुनासी नहीं समझे।
वहीं इस घटना के बाद राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर जिला प्रशासन ने इस मामले को सॉर्ट आउट करने के लिए मीडिया कर्मियों को जिला संभलनायक स्थित कारगिल भवन में आमंत्रित किया। नाराज बेगूसराय के तमाम मीडिया कर्मी ने जिला प्रशासन के इस आमंत्रण को बहिष्कार कर शहर के पुस्तकालय स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रेस दिवस मनाया। बेगूसराय के तमाम मीडिया कर्मी ने एक स्वर में होकर जिला प्रशासन के इस नकारात्मक रवैया के खिलाफ एकजुट हुए और जिला प्रशासन के मुख्य कवरेज करने का बहिष्कार किया। इतना ही नहीं कल्पवास स्थल से सभी मीडियाकर्मी लौट गए।
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डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा से जब मीडियाकर्मी ने बात करने की कोशिश की तो वहां से निकल लिए। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस तरह से उन्हें भी इस कार्यक्रम में सम्मानजनक रूप से आमंत्रित किया गया। उसके बाद उन्हें अपमानित करके वहां से बैगन लौटा दिया गया। निश्चित रूप से कार्यक्रम के व्यवस्था पर एक बहुत बड़ा सवाल उठता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ इस घटना के बाद राजनीतिक दलों ने भी अपने प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना की घोर निंदा की। बता दें कि इस घटना के सामने के आने के बाद बेगूसराय राजाजी जिला अध्यक्ष मोहित यादव और महिला नेत्री सुमन देवी ने भी इस घटना की घोर निंदा की। जिला प्रशासन और शासन के द्वारा पत्रकारों के साथ अभद्र रवैया के खिलाफ उन्हें दो टूक खड़ी खोटी सुना दी।
वहीं इस घटना से आहट बेगूसराय जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष विनोद कर्ण ने कहा कि पूर्व में भी ऐसे मामले कई बार सामने आए हैं। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए पत्रकारों से समन्वय बनाई। लेकिन इस बार प्रशासन ने अपनी सीमा लांघ दी और इन चीजों को गंभीरता से ना लेते हुए ऐसे मामलों को दरकिनार कर दिया। जिसके कारण बेगूसराय के तमाम पत्रकारों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस को बहिष्कार कर शहर के पुस्तकालय स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा स्थल स्थित बैठकर मजबूरन राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया। प्रशासन के द्वारा ऐसे भ्रष्ट रवैया के खिलाफ एक संकल्प ली गई। प्रशासन के महत्वपूर्ण कवरेज में मीडिया के द्वारा आगे से किसी तरह की कोई संकलन उसे भूमिका में प्रस्तुत नहीं की जाएगी। जिसकी अपेक्षा प्रशासन और शान दोनों करते रहे हैं।
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अजय सिंह की रिपोर्ट