ई-स्कूटी से फर्राटे लगाती मेम साहब
- ई-स्कूटी से दुर्गम इलाकों में एएनएम पहुंचा रहीं स्वास्थ्य सेवाएं
- जीपीएस से लैस ई-स्कूटी
- 342 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में उपलब्ध है 180 स्कूटी
Ranchi/Chaibasa–
ई-स्कूटी से फर्राटे लगाती मेम साहब- राज्य में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सरकारी प्रयासों का असर अब दिखने लगा है.
यही कारण है कि चाईबासा जैसे दुर्गम क्षेत्र में भी नर्से अब ई-स्कूटी से फर्राटे लगा रही है.
गौरतलब है कि चाईबासा का पूरा इलाका पहाड़ी है. रास्ते उतार चढ़ाव भरे हैं.
जंगल की पगडंडियों के सहारे गांव तक पहुंचा जाता है.
यह जिला देश के सबसे कम विकसित जिले में से एक है. केंद्र सरकार के द्वारा इसे आकांक्षी जिला के रूप में मान्यता मिली है.
स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इस जिले में आम लोगों के पास स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना एक चुनौती भरा कार्य है.
रास्ते ऐसे हैं कि जहां सिर्फ पैदल ही जाया जा सकता है.
इसी चुनौती का समाधान है ई-स्कूटी. जिले के दूरस्थ 342 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों मे अब 180 स्कूटी दिया गया है.
ई- स्कूटी को बनाया विकल्प कोविड-19 संक्रमण के दूसरे दौर में जब प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस
और मौसमी बीमारियों की जांच एक चुनौती बन कर सामने आयी तब इस पर मंथन हुआ.
उपायुक्त अनन्य मित्तल की पहल
उपायुक्त अनन्य मित्तल के द्वारा जुलाई 2021 में नवाचार के तहत जिले के 342 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में ई-स्कूटी उपलब्ध कराने
की कार्य योजना तैयार की गई.
यह नवाचार इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वाहन के उपयोग से स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम सहजता से पगडंडियों
का प्रयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच सकती हैं, साथ ही इसमें कार्बन उत्सर्जन की भी कोई समस्या नहीं है.
औद्योगिक संस्थानों के द्वारा ई-स्कूटी उपलब्ध करवाने की शुरुआत हुई
दुर्गम क्षेत्रों में दौड़ रही है ई-स्कूटी प्रारंभिक चरण में प्रत्येक इलेक्ट्रिक स्कूटर को स्वास्थ्य उपकेंद्र में उपलब्ध कराने
की योजना बनाई गई तथा इस पूरी योजना के निष्पादन के लिए 30 से अधिक संगठनों से अनुरोध किया गया कि
आवश्यक इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध कराएं या खरीद हेतु जिला प्रशासन को वित्तीय सहायता प्रदान करें.
नवाचार को बल मिला तथा औद्योगिक संस्थानों के द्वारा जिला प्रशासन को इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध करवाया जाने लगा.
एसीसी, केंद्रीय भंडारण निगम और टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से किया गया वितरण
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रदर्शन के आधार पर सूची तैयार की जाने लगी और ई-स्कूटी वितरण कार्य जिले में प्रारंभ हुआ.
जिले में औद्योगिक संस्थानों यथा एसीसी, केंद्रीय भंडारण निगम व टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से दुर्गम क्षेत्रों में
ई-स्कूटी का वितरण सुनिश्चित किया गया.
एएनएम के लिए ई – स्कूटी बना वरदान जहां पहले एनएम के द्वारा दो से तीन गांवों का भ्रमण किया जाता था,
आज वे एक दिन में दर्जनों गांव का दौरा कर रही है.
इसके साथ ही कई चिकित्सा उपकरण और दवाई भी साथ ले जाती है.