Jharkhand Weather Change: झारखंड में भीषण गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग रांची ने जानकारी दी है कि राज्य में 10 जून से मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल सकता है। विभाग ने 10 जून से 14 जून के बीच तेज हवाएं चलने, बारिश और वज्रपात की संभावना जताई है। इसको लेकर पूरे राज्य में चेतावनी और अलर्ट जारी किया गया है।
10-11 जून: दक्षिण और मध्य झारखंड में अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया है कि 10 और 11 जून को राज्य के मध्य और दक्षिणी जिलों – जैसे रांची, लोहरदगा, रामगढ़, बोकारो, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला – में मौसम बिगड़ सकता है। इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। साथ ही मेघ गर्जन, आंधी और बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। लोगों को खुले में काम करने से परहेज करने की सलाह दी गई है, खासकर खेतों में काम कर रहे किसानों को सतर्क रहने को कहा गया है।
12-14 जून: पूरे झारखंड में बारिश और वज्रपात की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार 12 से 14 जून के बीच राज्य के सभी जिलो में बारिश और वज्रपात होने की संभावना है। इसे माॅनसून पूर्व की प्रक्रिया मानी जा रही है, जो आगे आने वाले हफ्तों में झारखंड में मानसून के प्रवेश का संकेत भी हो सकती है। इस अवधि में मौसम अपेक्षाकृत ठंडा और नम रहेगा।
Jharkhand Weather Change: तापमान में मिलेगी राहत
इस मौसमी बदलाव का सीधा असर अधिकतम तापमान पर देखने को मिलेगा। विभाग के मुताबिक, झारखंड के ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा। लगातार बादल छाए रहने और वर्षा की संभावना के चलते गर्मी से राहत मिलेगी। हालांकि पलामू प्रमंडल में तापमान 40 डिग्री के आसपास बना रह सकता है।
किसानों और आम लोगों को राहत
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव मानसून के आगमन से पहले की सामान्य प्रक्रिया है, जिसे प्री-मानसून एक्टिविटी कहा जाता है। इससे खेतों में नमी बढ़ेगी, जो आगामी बुआई के मौसम के लिए अनुकूल साबित हो सकती है। वहीं, भीषण गर्मी से परेशान आम जनता को भी इससे राहत मिलेगी।
सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने वज्रपात की आशंका को देखते हुए लोगों से सावधानी बरतने को कहा है। विशेष रूप से खुले क्षेत्रों, ऊंची जगहों, पेड़ों के नीचे और टीन की छतों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। बिजली गिरने की स्थिति में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग भी सीमित रखने की सलाह दी गई है।